महाराष्ट्र : सीएम फडणवीस से मिले उद्धव ठाकरे, दोनों के बीच 20 मिनट तक चली बैठक
मुंबई, 17 जुलाई। महाराष्ट्र का राजनीतिक पारा गुरुवार को एक बार फिर हिलोरें मारने लगा, जब शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे अचानक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के लिए जा पहुंचे। दोनों नेताओं की मुलाकात विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के दफ्तर में हुई और उनकी बैठक लगभग 20 मिनट तक चली।
शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से बाद में जानकारी दी गई कि MLC चेयरमैन ऑफिस में सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्धव ठाकरे की मुलाकात का मकसद उन्हें महाराष्ट्र में तीसरी भाषा के विचार और हिन्दी थोपे जाने का विरोध करने वाले समाचार लेखों का एक संग्रह देना था।
आज विधानभवन येथे पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे ह्यांनी राज्यभरातील विविध संपादकांनी हिंदीसक्तीविरोधात लिहिलेल्या लेखांचे संकलित ‘हिंदी हवी कशाला?’ पुस्तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि सभापती राम शिंदे ह्यांना भेट दिले. ह्यावेळी युवासेनाप्रमुख शिवसेना नेते आमदार आदित्य… pic.twitter.com/JFUCetP3bN
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) July 17, 2025
ठाकरे–फडणवीस मुलाकात पर इसलिए हो रही चर्चा
मीडिया की खबरों के अनुसार बीते गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा था कि उद्धव ठाकरे अलग तरीके से सत्ता पक्ष में आ सकते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वर्ष 2029 तक भाजपा के विपक्ष में आने का कोई स्कोप नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कम से कम 2029 तक तो हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं है। उद्धव जी इस तरफ आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं और उस बारे में अलग तरीके से सोचा जा सकता है, लेकिन हमारे लिए वहां आने की बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं बची है।’
2019 विधानसभा चुनाव के बाद टूटी थी ठाकरे व भाजपा की दोस्ती
कभी भाजपा का सच्चे सहयोगी माना जाने वाला ठाकरे परिवार वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद एनडीए से दूर हो गया था। दरअसल, विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना एक साथ लड़े थे, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद सीएम पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद गहरा गए और फिर ठाकरे परिवार एनसीपी – कांग्रेस के साथ चला गया। इन तीनों पार्टियों ने महाराष्ट्र की राजनीति में महाविकास अघाड़ी का गठन कर सरकार बनाई।
भाजपा व ठाकरे परिवार के बीच खराब हुए रिश्ते तब और बिगड़ गए, जब एकनाथ शिंदे ने ठाकरे परिवार से बगावत कर शिवसेना पर कब्जा कर लिया और भाजपा संग सरकार बना ली। इसके बाद वर्ष 2024 की शुरुआत में भाजपा–शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीता। इस चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
