नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। गुजरे जमाने की दिग्गज धाविका पीटी उषा ने भारतीय खेलों के इतिहास में शनिवार को नए अध्याय का सृजन किया, जब वह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की पहला महिला अध्यक्ष चुनी गईं। इसके साथ ही भारतीय खेल प्रशासन में नए युग की शुरुआत हो गई।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में हुआ चुनाव
एशियाई खेलों में कई पदक जीतने वालीं और 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकेंड के सौवें हिस्से से चौथे स्थान पर पिछड़ गईं 58 वर्षीया उषा को चुनाव के बाद शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। चुनाव उच्चतम न्यायालय से नियुक्त किए गए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में संपन्न हुए।
आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त
उषा के अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी। इन चुनावों को दिसम्बर 2021 में होना था।
‘अंतरराष्ट्रीय पटल पर हमारा तिरंगा ऊंचा रहे
पीटी उषा ने अध्यक्ष बनने के बाद कहा, ’13 वर्षों को छोड़कर मैंने अपना पूरा समय खेल को दिया है। चाहे वह एक एथलीट, कोच या प्रशासन के रूप में हो। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं आईओए प्रमुख या संसद सदस्य बनूंगी। एथलीट आयोग के सदस्यों ने मुझे अपना नामांकन दाखिल करने के लिए प्रेरित किया। हम खेलों की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे, ताकि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हमारा तिरंगा ऊंचा रहे। हम देश के लिए और पदक लाने के लिए राष्ट्रीय महासंघों, एथलीटों और कोचों के साथ काम करेंगे।’
उषा इसी वर्ष राज्यसभा के लिए भी नामित हुई हैं
दरअसल, उषा का शीर्ष पद पर चुना जाना पिछले महीने ही तय हो गया था क्योंकि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाली एकमात्र प्रत्याशी थीं। किसी ने भी उषा का विरोध नहीं किया, जिन्हें जुलाई में भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार ने राज्यसभा के लिए नामित किया था। 1983 में अर्जुन अवॉर्ड और 1985 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित उषा ने 20 जुलाई को संसद के उच्च सदन में बतौर सदस्य शपथ ली थी। ‘पय्योली एक्सप्रेस’ और ‘उड़न परी’ के नाम से मशहूर रहीं उषा को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था।
आईओए के 95 वर्षों के इतिहास में पहली ओलंपियन व अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता
आईओए के 95 वर्षों के इतिहास में वह अध्यक्ष बनने वाली पहली ओलंपियन और पहली अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं। इससे उनकी उपलब्धियों में एक और नगीना जुड़ गया है। उषा ने 2000 में संन्यास लेने से पहले भारतीय और एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाए रखा था।
उषा देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहली महिला खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही वह महाराजा यादवेंद्र सिंह के बाद आईओए प्रमुख बनने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। यादवेंद्र सिंह ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था। वह 1938 से 1960 तक आईओए के अध्यक्ष रहे थे।
पीटी उषा के रिकॉर्ड
पीटी उषा ने एशियाई गेम्स में चार स्वर्ण और सात रजत पदक जीते हैं। उन्होंने 1982, 1986, 1990 और 1994 एशियाई खेलों में पदक जीते थे। इसके अलावा उनके नाम एशियाई चैंपियनशिप में 14 स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक रहे।