ट्रंप की नई चेतावनी – फार्मा इंडस्ट्री के लिए टैरिफ छूट जल्द समाप्त होगी
वॉशिंगटन, 9 अप्रैल। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई चेतावनी देते हुए कहा है कि फार्मास्यूटिकल्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से दी गई छूट जल्द समाप्त हो जाएगी। मंगलवार रात को उन्होंने कहा, ‘हम बहुत जल्द ही फार्मास्यूटिकल्स पर एक बड़ा टैरिफ लगाने की घोषणा करने जा रहे हैं।’ ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ बीते बुधवार (दो अप्रैल) से प्रभावी हो गए हैं।
गौरतलब है कि भारत, अमेरिका को बड़ी मात्रा में फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात करता है। दरअसल, भारत अमेरिका से आयात होने वाले फार्मा पर करीब 10 फ़ीसदी का टैरिफ चार्ज वसूलता है जबकि अमेरिका देश भारत से आने वाले फार्मा आयात पर किसी भी प्रकार का टैरिफ नहीं वसूलता।
वहीं, ट्रंप ने वॉशिंगटन में नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के डिनर में अपने भाषण में चीन का जिक्र किया, लेकिन भारत का जिक्र नहीं किया, जो कि अपने फार्मा निर्यात का 31.5 प्रतिशत अमेरिका को भेजता है। ज्ञातव्य है कि अमेरिका की ओर से भारत पर 27 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान दो अप्रैल को किया गया था।
ट्रंप ने कहा कि जब फार्मा कम्पनियों को टैरिफ की जानकारी मिलेगी, वे चीन और अन्य देशों को छोड़ देंगी, क्योंकि उन्हें अपने ज्यादा उत्पादन अमेरिका में बेचने हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘टैरिफ के बाद सभी फार्मा कम्पनियां पूरे देश के अगले हिस्सों में प्लांट खोलेंगी।’
स्मरण रहे कि जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सप्ताह रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की तो उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स, कॉपर, सेमीकंडक्टर, लकड़ी, बुलियन, एनर्जी और कुछ मिनरल को टैरिफ से छूट दी थी क्योंकि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। रेसिप्रोकल टैरिफ में फार्मास्यूटिकल्स को राहत इसलिए मिली कि आयातित दवाएं, विशेष रूप से भारत से आने वाली जेनेरिक दवाएं, अमेरिकी हेल्थ सिस्टम की लागत को कम रखने में मदद करती हैं, जो दुनिया में सबसे महंगे हेल्थ सिस्टम्स में से एक है।
भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं, जिससे टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके। हेल्थकेयर डेटा और एनालिटिक्स कंपनी आईक्यूवीआईए ने कहा कि 2022 में अमेरिका में दिए गए दस में से चार प्रिस्क्रिप्शन भारतीय कंपनियों के थे।
अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद ट्रेड वार की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले सप्ताह चीन द्वारा घोषित 34 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने चीन से आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया। आज से अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ 104 प्रतिशत हो गया। कुल मिलाकर देखें तो ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने मंदी की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।
