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UN में ट्रंप गरजे – ‘रूस-यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहे भारत-चीन’, 7 माह में 7 युद्ध खत्म कराने का भी किया दावा

UN में ट्रंप गरजे – ‘रूस-यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहे भारत-चीन’, 7 माह में 7 युद्ध खत्म कराने का भी किया दावा

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नई दिल्ली, 23 सितम्बर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने वर्तमान ह्वाइट हाउस रोल और अमेरिका की वैश्विक ताकत पर जोर देते हुए भाषण दिया। लगभग आधा घंटे के भाषण में ट्रंप ने सात युद्धों को रोकने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान और इजराइल-ईरान के 12 दिन चले युद्ध सहित सात ‘अंतहीन युद्धों’ को समाप्त किया। काश! यह काम संयुक्त राष्ट्र करता, लेकिन मुझे करना पड़ा।’

ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहा कि नाटो देश अपने खिलाफ युद्ध को फंड कर रहे हैं। उन्होंने भारत-चीन को यूक्रेन जंग में रूस को फंड करने का आरोप लगाया और कहा कि चीन व भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन में युद्ध के प्राथमिक वित्तपोषक हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि वह बायोलॉजिकल हथियार सम्मेलन को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करेंगे और उन्होंने इस तरह के हथियारों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत और चीन दोनों यूक्रेन की जंग में प्रमुख निवेशक हैं।

रूसी उत्पादों की खरीद से नाटो देश भी अपने ही खिलाफ जंग को फंड कर रहे

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज्यादा रोक नहीं लगाई है, यह शर्मनाक है। वे अपने ही खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं।’ रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण शुरू करने के तीन वर्ष से भी ज्यादा समय बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ अब भी अरबों यूरो मूल्य की रूसी ऊर्जा और वस्तुओं का आयात करते हैं, जिनमें तरलीकृत प्राकृतिक गैस से लेकर संवर्धित यूरेनियम तक शामिल हैं।’

यदि समझौता नहीं होता तो रूस पर कई टैरिफ लगाने को अमेरिका तैयार

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘वे रूस से लड़ते हुए रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं। यह उनके लिए शर्मनाक है। यदि युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता नहीं होता तो अमेरिका रूस पर कई टैरिफ लगाने के लिए तैयार है। लेकिन इन टैरिफ को प्रभावी बनाने के लिए आप सभी यूरोपीय देशों को, जो अभी यहां एकत्र हैं, हमारे साथ मिलकर ठीक यही उपाय अपनाने होंगे।’

ट्रंप ने अमेरिका की ताकत और उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि अमेरिका के पास सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सीमाएं, सैन्य शक्ति, मित्रताएं और राष्ट्रीय भावना है। उन्होंने इसे ‘अमेरिका का गोल्डन एज’ बताया।

UN सिर्फ सख्त शब्दों वाले पत्र लिखता है, उसका पालन नहीं करता

राष्ट्रपति ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि संगठन अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर रहा। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर मामलों में, वे केवल सख्त शब्दों वाले पत्र लिखते हैं और उसका पालन नहीं करते। खाली शब्द युद्ध नहीं रोकते।’ इसके साथ ही उन्होंने सात जंगें रुकवाने का दावा किया।

ट्रंप ने भाषण में यह भी याद दिलाया कि उन्होंने पहले अपने व्यवसायिक करिअर में UN परिसर के नवीनीकरण के लिए बोली लगाई थी, लेकिन उस समय इसे दूसरे, अधिक महंगे विकल्प पर चुना गया।

अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त काररवाई का भी दिया संदेश

ट्रंप ने अमेरिका की घरेलू उपलब्धियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि ऊर्जा लागत, गैसोलीन और किराने की कीमतें कम हुई हैं, मॉर्गेज रेट घटे हैं और महंगाई पर नियंत्रण पाया गया। उन्होंने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त काररवाई का भी संदेश दिया और कहा कि अमेरिका अब विश्वस्तर पर सम्मानित है।

फिलिस्तीन को मान्यता मतलब हमास आतंकियों के लिए बहुत बड़ा ईनाम

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में फिलिस्तीन राज्य के मान्यता की घोषणा करने वाले कई देशों का जिक्र करते हुए कहा, ‘अब, मानो निरंतर संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए, इस निकाय के कुछ लोग एकतरफा तौर पर फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की कोशिश कर रहे हैं। हमास आतंकवादियों को उनके अत्याचारों के लिए बहुत बड़ा ईनाम मिलेगा। यह सात अक्टूबर सहित इन भयानक अत्याचारों का ईनाम होगा।”

अवैध विदेशियों के प्रवेश से यूरोपीय देश गहरे संकट में हैं

ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के देशों पर अप्रवासियों और प्रवासियों को अपने देशों में आने देने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘आप अपने देशों को बर्बाद कर रहे हैं। वे बर्बाद हो रहे हैं। यूरोप गंभीर संकट में है। उन पर अवैध विदेशियों की एक ऐसी सेना ने आक्रमण किया है, जैसा पहले कभी किसी ने नहीं देखा। अवैध विदेशी यूरोप में घुस रहे हैं। आपके देश नरक में जा रहे हैं।’

क्लाइमेट चेंज ग्रीन एनर्जी को बताया दुनिया के साथ धोखा

डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने क्लाइमेट चेंज और हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार में, यह जलवायु परिवर्तन, दुनिया पर किया गया सबसे बड़ा धोखा है। उन्होंने अपनी राजनीतिक रैलियों और प्रेस इवेंट्स में बार-बार इस विषय को लेकर अपनी नापसंदगी व्यक्त की है। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा को ‘जोकर’ बताते हुए उसकी उपयोगिता पर सवाल उठाया और कहा कि ग्रीन एनर्जी काम नहीं करती और बहुत महंगी है। विशेष रूप से उन्होंने पवन ऊर्जा पर निशाना साधा और चेतावनी दी, ‘यदिद आप इस ग्रीन एनर्जी घोटाले से दूर नहीं हटते तो आपका देश असफल होगा।’

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