कर्नाटक में इलाज करना हुआ महंगा, बढ़ाई सरकारी अस्पताल की फीस, ब्लड टेस्ट के रेट में भी किया दुगना इजाफा
नई दिल्ली, 21 नवम्बर। कर्नाटक सरकार ने राज्य के अस्पतालों की फीस में बड़े स्तर पर इजाफा किया है। कर्नाटक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में इलाज और डाइगनोस्टिक टेस्ट 20 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं। कई सेवाओं के शुल्क में दोगुनी बढ़ोतरी भी हुई है। बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) और कर्नाटक के विभिन्न स्वायत्त मेडिकल शिक्षा संस्थानों के तहत आने वाले अस्पतालों में बढ़ी हुई फीस प्रभावी हो गई है। आइए जानते हैं कि अस्पतालों में किस सेवा के लिए कितनी फीस बढ़ोतरी हुई है।
अधिकारियों ने क्या बताया?
BMCRI के अधिकारियों ने TOI को इस बात की जानकारी दी है कि इलाज, सर्जरी, विभिन्न रक्त परीक्षण और स्कैन की फीस को संशोधित किया गया है। अधिकारियों की दलील है कि फीस में पिछला संशोधन 5-6 साल पहले हुआ था। इस बढ़ोतरी से अस्पतालों के रखरखाव में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने इसे मामूली फीस वृद्धि कहा है। उन्होंने बताया कि सभी टेस्ट और इलाज 20% महंगे नहीं हैं, कुछ ब्लड टेस्ट अभी भी मुफ़्त हैं।
कहां कितनी फीस बढ़ाई गई?
TOI के मुताबिक, फीस में संशोधन के बाद स्पेशल वार्ड (2 मरीज) के लिए शुल्क 750 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। सिंगल बेड स्पेशल वार्ड की फीस 750 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी गई है। जनरल वार्ड की फीस 15 रुपये से बढ़कर 20 रुपये हो गई है। ओपीडी रजिस्ट्रेशन फीस 10 रुपये से दोगुनी होकर 20 रुपये हो गई है।
संशोधित नियम के मुताबिक, आंतरिक रोगी रजिस्ट्रेशन फीस 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये और मरीज के बेड का शुल्क 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। पोस्टमार्टम, चिकित्सा जांच, चोट और शारीरिक फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए शुल्क 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है। मेडिकल बोर्ड प्रमाणपत्र की कीमत अब 350 रुपये से बढ़कर 500 रुपये हो गई है। इसके अलावा डाइट की सलाह के लिए 50 रुपये और डाइट से संबंधित सलाह के लिए 100 रुपये के नए चार्ज जोड़े गए हैं।