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टोक्यो ओलंपिक : सेमीफाइनल में परास्त लवलीना को कांस्य पदक, भाला प्रक्षेपक नीरज का धमाकेदार प्रदर्शन

टोक्यो ओलंपिक : सेमीफाइनल में परास्त लवलीना को कांस्य पदक, भाला प्रक्षेपक नीरज का धमाकेदार प्रदर्शन

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टोक्यो, 4 अगस्त। भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा, जब बुधवार को यहां वेल्टरवेट (64-69 किलोग्राम) वर्ग के सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने उन्हें अंकों के आधार पर 5-0 से हरा दिया। दूसरी तरफ एथलेटिक्स मुकाबलों के अंतर्गत भाला प्रक्षेपक नीरज चोपड़ा ने धाकड़ प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है जबकि पहलवानद्वय दीपक पुनिया और रवि कुमार ने फ्रीस्टाइल कुश्ती के सेमीफाइनल दौर में प्रवेश कर लिया है।

विश्व विजेता मुक्केबाज से लड़कर हारीं लवलीना

भारतीय दल का मुक्केबाजी में इकलौता पदक तो लवलीना के सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ ही पक्का हो गया था। देखना यह था कि हमउम्र 23 वर्षीया सुरमेनेली को असम की यह प्रतिभाशाली मुक्केबाज कितना टक्कर दे पाती है। कोकुजिकन एरेना में लवलीना ने निश्चित रूप से अपने भरसक कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन सुरमेनेली के पंच ज्यादा ही मजबूत साबित हुए।

सुरमेनेली ने तीनों राउंड में समान 5-0 अंकों से जीत हासिल की। बाउट के दौरान लवलीना को एक बार चेतावनी भी दी गई, इसलिए उनका अंक भी काटा गया। सभी पांचों जजों ने तुर्की की मुक्केबाज के पक्ष में 30-26, 30-26, 30-25, 30-25, 30-25 से फैसला सुनाया।

ओलंपिक मुक्केबाजी में भारत को तीसरा पदक

फिलहाल लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी में आठ वर्षों बाद भारत को तीसरा पदक दिलाने में सफल रहीं। उनके पहले विजेंदर सिंह (2008) और एम.सी. मैरीकॉम (2012) भी देश को कांस्य पदक दिला चुके हैं। हालांकि देखा जाए तो भारत ने इस बार चार महिलाओं सहित नौ मुक्केबाजों का सबसे बड़ा दल भेजा था, लेकिन उसे सिर्फ एक पदक से संतोष करना पड़ा।

भाला प्रक्षेप में नीरज ने जगाई पदक की आस

उधर ओलंपिक स्टेडियम से भी अच्छी खबर आई, जब नीरज ने पूल ए क्वॉलीफाइंग राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर भाला फेंका और 16 स्पर्धियों के बीच शीर्ष पर रहते हुए फाइनल राउंड में जगह बना ली। लेकिन पूल बी में भारत के दूसरे एथलीट शिवपाल सिंह 76.40 मीटर का ही प्रक्षेप कर सके और ग्रुप में 12वें स्थान पर रहकर बाहर हो गए।

अपने पहले ओलंपिक में भाग ले रहे नीरज ने फाइनल राउंड में जगह बनाने के लिए ज्यादा समय नहीं लिया। फाइनल के लिए क्वॉलीफिकेशन मार्क 83.50 मीटर का था। लेकिन नीरज ने बड़ी आसानी से इसे पार कर लिया। 23 वर्षीय चोपड़ा ने अपने पहले प्रयास के बाद बाकी दो प्रयास नहीं किए। वह एरिना से बाहर चले गए। इस स्पर्धा में क्वालीफाइंग स्तर पार करने या 12 श्रेष्ठ प्रक्षेपकों को फाइनल में जगह दी गई।

86.65 मी. के प्रक्षेप से 32 एथलीटों के बीच शीर्ष पर रहे चोपड़ा

पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन चोपड़ा अपने ग्रुप के 16 खिलाड़ियों के बीच शीर्ष पर रहे। वैसे दोनों ग्रुपों को देखें तो 32 प्रक्षेपकों के बीच वह शिखर पर रहे क्योंकि पूल बी में शीर्ष पर रहे पाकिस्तान के नदीम अरशद का प्रक्षेप 85.16 मीटर था। चोपड़ा का निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है, जो उन्होंने मार्च 2021 में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री 3 में बनाया था। फाइनल राउंड सात अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर 4.30 बजे से होगा।

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