
नागपुर में हिंसा के तीन दिनों बाद कुछ इलाकों से हटा कर्फ्यू, अन्य क्षेत्रों में मिली थोड़ी ढील
नागपुर, 20 मार्च। मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर उभरे विवाद के बीच नागपुर में बीते सोमवार (17 मार्च) को हुई हिंसा के तीन दिनों बाद गुरुवार को कुछ इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में ढील दी गई। हालांकि, अब भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां पहले की तरह ही कर्फ्यू लागू है।
पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल ने लोगों की सुविधा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर दो बजे से नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाने के आदेश दिए। वहीं लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा और इमामबाड़ा क्षेत्रों में दोपहर दो बजे से चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई, ताकि लोग दैनिक जरूरत की चीजें खरीदने के लिए बाहर निकल सकें।
उल्लेखनीय है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक पंक्तियां लिखी हुई चादर जलाए जाने की अफवाह के बीच सोमवार रात मध्य नागपुर के इलाकों में हिंसक भीड़ ने उत्पात मचाया था। इसके बाद कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
अब तक 69 लोग गिरफ्तार, 200 आरोपितों की पहचान
इस बीच नागपुर पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 18 विशेष टीमें बनाई हैं। हिंसा के सिलसिले में अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अब तक 200 आरोपितों की पहचान की है और दंगों के सीसीटीवी फुटेज में कैद 1,000 अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
नागपुर हिंसा के सिलसिले में अब तक गिरफ्तार किए गए 69 लोगों में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेता फहीम खान भी शामिल हैं। अधिकारियों ने पहले कहा था कि खान ने सोमवार को नागपुर पुलिस स्टेशन के बाहर कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान पर पहले भी कई मामलों में आरोप लगाया गया है, जिसमें बिजली चोरी और 2023-2024 में विरोध प्रदर्शन शामिल हैं।