भारत में फैल रहा कोरोना का नया वैरिएंट चिंताजनक, हालांकि वैक्सीन कारगर – विश्व स्वास्थ्य संगठन
नई दिल्ली, 11 मई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ने भारत में फैल रहे कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को वैश्विक स्तर पर चिंताजनक (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) बताया है। उसका कहना है कि भारत में सबसे पहले बीते वर्ष अक्टूबर में पाया गया यह वैरिएंट बी-1617 ज्यादा संक्रामक लग रहा है और यह आसानी से फैल सकता है।
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वैन केरखोव के अनुसासर एक छोटी सैंपल साइज पर की गई लैब स्टडी से पता चला है कि वैरिएंट बी-1617 पर एंटीबॉडीज का भी कम असर हो रहा है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं कि इस वैरिएंट में वैक्सीन के प्रति ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता है।
बीते सोमवार को जारी बयान में केरखोव ने कहा कि मौजूदा डेटा से पता चलता है कि कोरोना की सभी वैक्सीन बीमारी को रोकने और बी-1617 वैरिएंट से संक्रमित लोगों की जान बचाने में असरदार हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी मंगलवार को दी जाएगी।
दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा है कि मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन और जांच कारगर है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इलाज भी पहले वाला ही दिया जा रहा है। इसलिए लोगों को इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें आगे आकर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
स्मरण रहे कि ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बाद भारत चौथा देश है, जहां फैल रहे कोरोना के नए वैरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने कंसर्न कैटेगरी में शामिल किया है। केरखोव का कहना है कि आने वाले समय में दुनियाभर में वैरिएंट ऑफ कंसर्न देखने को मिलेगा। इसलिए संक्रमण रोकने की अधिकतम कोशिश की जानी चाहिए।