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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाना ही सरकार का लक्ष्य

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाना ही सरकार का लक्ष्य

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नई दिल्ली, 13दिसंबर।  खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अपनी योजनाओं के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों से जुड़े स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की मदद कर रहा है। केंद्र प्रायोजित पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना के अंतर्गत मंत्रालय स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को शुरुआती राशि के रूप में 40,000 रुपये तक का अनुदान प्रदान करता है।

व्यक्तिगत एसएचजी सदस्य खाद्य प्रसंस्करण उद्यम की एकल इकाई के रूप में परियोजना लागत के 35 प्रतिशत की दर से ऋण आधारित अनुदान प्राप्त कर सकते हैं जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये है। स्वयं सहायता समूह प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत भी सहायता के पात्र हैं।

सदस्‍यों की सहायता के लिए 1032.31 करोड़ रुपये की राशि मंजूर

पीएमएफएमई योजना की शुरुआती अनुदान राशि संबंधित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और राज्य शहरी आजीविका मिशन (एसयूएलएम) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। 3,10,121 एसएचजी सदस्यों को सहायता प्रदान करने के लिए 1032.31 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

इसमें से 2,47,984 ग्रामीण एसएचजी सदस्यों के लिए 810.89 करोड़ रुपये और 62,137 शहरी एसएचजी सदस्यों के लिए 221.42 करोड़ रुपये की राशि 31 अक्टूबर 2024 तक के लिए मंजूर की गई है। ऋण आधारित सब्सिडी के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण गतिविधि में लगे 692 एसएचजी सदस्यों को 31 अक्टूबर, 2024 तक सहायता के लिए मंजूरी दी गई है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री  रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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