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वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण आज : अरुणाचल व जम्मू-कश्मीर के उत्तरी भाग को छोड़ देश में कहीं नहीं दिखेगा

वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण आज : अरुणाचल व जम्मू-कश्मीर के उत्तरी भाग को छोड़ देश में कहीं नहीं दिखेगा

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नई दिल्ली, 10 जून। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन गुरुवार को लग रहा वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण दुनिया के अन्य अधिकतर हिस्सों में दिखेगा, लेकिन भारत में इसके दिखाई देने की संभावना नगण्य है। यही वजह है कि देश में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि अरुणांचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के उत्तरी भाग में कुछ समय (शाम 5.52 बजे से 6.15 बजे के बीच) के लिए ग्रहण लगेगा, लेकिन उसे देख पाना कठिन रहेगा।

दोपहर 1.42 से शाम 6.41 तक रहेगा प्रभाव

पंचांग के अनुसार ग्रहण ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि, वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। वर्ष के दूसरे ग्रहण का प्रभाव भारतीय समयानुसार अपराह्न 1.42 से शाम के 6.41 बजे तक रहेगा। भारत से हटकर यह ग्रहण अमेरिका, यूरोप, उत्तरी कनाडा, एशिया, रूस और ग्रीनलैंड में देखा जा सकेगा।

15 दिनों के अंतराल पर दूसरा ग्रहण

देखा जाए तो 15 दिनों के अंतराल में यह दूसरा ग्रहण है। इसके पहले 26 मई को बैसाख पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लग चुका है। हालांकि वह ग्रहण भी पूर्वोत्तर के ही कुछ हिस्सों में दिखा था। वैसे वर्ष 2021 में कुल मिलाकर चार ग्रहण हैं। इनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं। वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण चार दिसंबर को लगेगा। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा।

रूस व ग्रीनलैंड में दिखेगा रिंग ऑफ फायर का नजारा

सूर्य ग्रहण का सबसे शानदार नजारा यानी रिंग ऑफ फायर ग्रीनलैंड और रूस में दिखाई देगा। रिंग ऑफ फायर में सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य आग की अंगूठी की तरह कुछ देर के लिए नजर आता है, जो वाकई में अद्भुत प्रतीत होता है।

वट सावित्री व्रत के अलावा शनि जयंती भी मनाई जा रही

भारत के संदर्भ में सूर्यग्रहण भले ही उतना प्रभावी न हो, लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत के अलावा शनि जयंती भी मनाई जाती है। शनि जयंती को लेकर यह मान्यता है कि इस तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। वहीं अखंड सौभाग्य के लिए जेठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत रखने की मान्यता है।

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