छठ महापर्व 2023 : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रतियों ने पूरा किया पहला चरण
पटना, 19 नवम्बर। लोक आस्था का महापर्व छठ तीसरे दिन रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही व्रतियों का पहला चरण समाप्त हो गया। व्रती महिलाएं अब सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
सीएम नीतीश ने प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की
उल्लेखनीय है कि छठ महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती महिलाएं बांस से बने दउरा में ठेकुआ, ईख, फल समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी, तालाब या अन्य जलाशयों में जाकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। केवल छठ में ही अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का प्रावधान है।
सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा व्रत का समापन
ऐसी मान्यता है कि सायंकाल सूर्यदेव और उनकी पत्नी देवी प्रत्युषा की भी उपासना की जाती है। जल में खड़े होकर सूप में फल, ठेकुआ रख कर अर्घ्य देने की परम्परा है। वहीं सोमवार (20 नवम्बर) को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद साथ ही उनका व्रत पूरा होगा।
मान्यता है कि सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्यता, सौभाग्य व संतान के लिए किया जाता है। मानसिक शांति व जीवन में उन्नति होती है। इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।
इस बीच वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत कीरतपुर में एक राजद कार्यकर्ता ने छठ घाट पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का प्रतिमा लगाकर पूजा अर्चना की। छठ घाट का नाम तेजस्वी यादव घाट रख दिया। समर्थकों ने छठी मैया से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की प्रार्थना की।
उधर, इस वर्ष भी सात समंदर पार से आकर विदेशी श्रद्धालु बोधगया में छठ पर्व में शामिल हो रहे हैं। छठ पर्व पर आस्थावान जापानी और नीदरलैंड्स की महिला श्रद्धालु गया में छठ का प्रसाद बनाती नजर आईं। दरअसल, जापान की एक महिला यूको मोमो ने गया में छठ पूजा का अनुष्ठान की है। इस पर्व में शामिल होने के लिए सात समंदर पार से कुछ और लोग आए है, जो पहले भी छठ पूजा में शामिल हुए थे।
इसके अलावा नीदरलैंड्स की दो श्रद्धालुओं ने भी लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा में शामिल होकर भगवान भास्कर की पूजा की। इस दौरान जोशिम ने बताया, ‘छठ पर्व के बारे में केवल सुना था। आज बहुत ही सुनहरा मौका है कि हम इस महान पर्व में शामिल हैं। यह एक ऐसी पूजा है, जिसमें सूर्य की आराधना की जाती है। यहां के लोग सूर्य को भगवान का दर्जा देते हैं। ये बहुत ही बड़ी बात है।’