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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग ने बहुचर्चित 2019 हैदराबाद एनकाउंटर को बताया फर्जी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग ने बहुचर्चित 2019 हैदराबाद एनकाउंटर को बताया फर्जी

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हैदराबाद, 20 मई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के शम्साबाद क्षेत्र में ढाई वर्ष पूर्व हुए पुलिस एनकाउंटर को फर्जी माना है। आयोग का कहना है कि इस एनकाउंटर में कुछ पुलिसवाले भी दोषी पाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर इस पर आगे की काररवाई के लिए मामले को तेलंगाना हाई कोर्ट में भेजा है।

यह था पूरा मामला

गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2019 की रात हैदराबाद में 27 वर्षीया वेटनरी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था और छह दिसंबर को तड़के करीब तीन बजे उनका संदिग्ध एनकाउंटर किया कर दिया था। उस एनकाउंटर के लिए पुलिस की बहुत तारीफ हुई थी, लेकिन बाद में इस पर सवाल भी उठाए गए थे। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व जज जस्टिस वी.एस. सिरपुरकर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन कर दिया था।

कोरोना के चलते सिरपुरकर आयोग की जांच में हुआ विलंब

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सिरपुरकर आयोग को मामले की जांच कर रिपोर्ट छह महीने तक सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन कोरोना के चलते यह काम तय समय यानी अगस्त, 2020 में पूरा नहीं हो पाया था। इसलिए आयोग ने अपनी रिपोर्ट इसी साल जनवरी में सौंपी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अब सार्वजनिक कर इस पर आगे की काररवाई के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट को भेजा है।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इस मामले में कहा, ‘इसमें गोपनीयता की कोई बात नहीं। हमारे आदेश पर जांच हुई और कुछ लोगों को दोषी पाया गया। राज्य सरकार रिपोर्ट के आधार पर काररवाई करे। हम अब मामले की निगरानी नहीं करना चाहते। सभी पक्ष रिपोर्ट को पढ़ें और आगे की राहत के लिए हाई कोर्ट में अपनी बात रखें।’

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