रूस-यूक्रेन संकट बढ़ा : पुतिन ने यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों को दी मान्यता, यूक्रेनी राष्ट्रपति बोले – ‘हम किसी से नहीं डरते’
मॉस्को, 22 फरवरी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस घोषणा से चरम पर पहुंच गया है, जिसके तहत उन्होंने पूर्वी यूक्रेन के दो अलग क्षेत्रों – स्वघोषित डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को सोमवार को आधिकारिक तौर पर स्वतंत्र स्टेटलेट के रूप में मान्यता दे दी और वहां पर अपने सैनिकों की तैनाती करने के आदेश दिए हैं।
जेलेंस्की ने किसी भी क्षेत्रीय रियायत को खारिज किया
इसके जवाब में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार की सुबह राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन किसी से नहीं डरता है। उन्होंने रूस पर शांति वार्ता को बर्बाद करने का आरोप लगाया किसी भी क्षेत्रीय रियायत को खारिज कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुलाई आपात बैठक
इस बीच, अमेरिका, मेक्सिको और पांच यूरोपीय देशों के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने सोमवार रात को एक आपात बैठक बुलाई। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।
यूएनएससी में भारत ने बढ़ते तनाव पर जताई चिंता
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।’
पश्चिमी देशों को आशंका – रूस कभी भी कर सकता है यूक्रेन पर हमला
फिलहाल पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्रता मान्यता देने की रूसी राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा के साथ ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ गया है।
वस्तुतः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने पुतिन से मांगी थी मदद
इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ‘खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से’ उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें। रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी। पुतिन ने रूसी सांसदों से यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया, जिससे कि उन्हें मॉस्को का सैन्य समर्थन मिल सके।
रूस का कदम अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन : यूरोपीय संघ
वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
यूक्रेन की सीमाओं पर 1.50 रूसी सैनिकों के साथ युद्धक साजो-सामान तैनात
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।