1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि अपनी ‘सनातन’ टिप्पणी अड़े, कहा – ‘मैं यही बात बार-बार दोहराऊंगा’
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि अपनी ‘सनातन’ टिप्पणी अड़े, कहा – ‘मैं यही बात बार-बार दोहराऊंगा’

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि अपनी ‘सनातन’ टिप्पणी अड़े, कहा – ‘मैं यही बात बार-बार दोहराऊंगा’

0
Social Share

चेन्नई, 4 सितम्बर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र व राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ‘सनातन धर्म’ के उन्मूलन के आह्वान वाली अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर सोमवार को भी अड़े रहे। उनकी इस टिप्पणी से देशभर में बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा छिड़ गया है।

डीएमके नेता ने कहा, ‘परसों मैंने एक समारोह में इसके (सनातन धर्म) बारे में बात की थी। मैंने जो भी कहा, मैं वही बात बार-बार दोहराऊंगा…मैंने सभी धर्मों को शामिल किया, सिर्फ हिन्दुओं को नहीं…मैंने जातिगत मतभेदों की निंदा करते हुए बोला, बस इतना ही…।’

गौरतलब है कि तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे खत्म करना होगा। उन्होंने कहा था, ‘कुछ चीज़ों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है, ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है। सनातन का विरोध करने की बजाय इसे खत्म किया जाना चाहिए।’

भारतीय जनता पार्टी ने डीएमके नेता के खिलाफ चौतरफा हमला किया और उन पर हिन्दुओं के खिलाफ नरसंहार का आह्वान करने का आरोप लगाया। इस आरोप को उदयनिधि ने बाद में खारिज कर दिया।

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है… उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल विरोध किया जाना चाहिए। संक्षेप में, वह भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, जो सनातन धर्म का पालन करते हैं।’

भाजपा के अलावा कई धार्मिक नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर उनकी निंदा की है। कांग्रेस ने, जो राज्य में द्रमुक की सत्तारूढ़ सहयोगी है, कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन हर राजनीतिक दल को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।

जवाब में, उदयनिधि ने कहा था, ‘मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया। सनातन धर्म एक सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है। मैं खड़ा हूं, मैं जो कुछ भी बोला हूं, उस पर दृढ़ता से कायम हूं।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code