स्वदेशी जागरण मंच ने आरएसएस के सबसे उल्लेखनीय व्यक्तित्वों में से एक श्री स्वर्गीय दत्तोपंत ठेगड़ी की स्मृति में उस्मानपुरा में माधव स्मृति न्यास कार्यालय में स्वदेशी स्वावलंबन दिवस आयोजित किया। श्रद्धेय श्री दत्तोपंतजी की विरासत को स्वदेशी मूल्यों, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव के एक ज्वलंत उदाहरण के रूप में देखा जाता है। इस अवसर पर आज के संदर्भ में स्थानीय सशक्तिकरण और सतत विकास के महत्व पर जोर देते हुए आंदोलन में उनके योगदान को उद्धृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विशिष्ट अतिथि श्री भरतभाई पुरोहित, श्री मनोहरलाल अग्रवालजी, श्री मयूरभाई जोशी, श्री सत्यजीत देशपांडे और श्री हरेशभाई ठक्कर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।
प्रमुख वक्ता सत्यजीत देशपांडे ने कार्यक्रम में दत्तोपंतजी के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। क्रिश शिक्षा केंद्र के निर्देशक श्री भरत पुरोहित ने छात्रों के साथ अपने अनुभव, रोजगार सृजन के मुद्दों और इसके समाधान पर मुख्य अतिथि व्याख्यान दिया। मयूरभाई जोशी ने जिला स्वावलंबन केंद्र और वर्तमान परिदृश्य में इसके महत्व पर भाषण दिया। कार्यक्रम के अंत में, अभिजीत दवे ने वैश्विक चिंताओं के स्थानीय उत्तर के रूप में स्वदेशी की आवश्यकता पर एक प्रस्तुति दी।
स्वदेशी जागरण मंच अखिल भारतीय टीम द्वारा इस कार्यक्रम दूसरा भाग समग्र देश मे प्रसारित किया गया था । यह समारोह का जीवंत प्रसारण कार्यक्रम स्थल पर स्क्रीन पर दिखाया गया और देशभर के 500 से अधिक जिलों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। श्री श्री रविशंकर महाराज (संस्थापक-आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन), श्री वी. भागैयाजी (अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, आरएसएस), और डॉ. चिन्मय पंडया (कुलपति, देव संस्कृति विद्यालय, हरिद्वार) उन प्रतिष्ठित वक्ता में से थे जिन्होंने स्वदेशी के विषय में मार्गदर्शन दीया। माननीय आर. सुंदरमजी (अखिल भारतीय संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच), डॉ. भगवती प्रसाद शर्मा (अखिल भारतीय समन्वय, स्वावलंबी भारत अभियान), और माननीय कश्मीरीलालजी (अखिल भारतीय संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच) की गरिमामय उपस्थिति समारोह में थी।