कर्नाटक हिजाब विवाद : सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार, हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी सुनवाई
नई दिल्ली, 10 फरवरी। सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक के कॉलेजों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर लागू प्रतिबंध के खिलाफ दायर एक याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। याचिका में हिजाब विवाद से जुड़े मामलों से संबंधित याचिकाओं को कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट आज ही मामले पर सुनवाई करने वाला है। ऐसी स्थिति में वह क्यों हस्तक्षेप करे। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए कोई तारीख देने से भी इनकार कर दिया।
कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने गठित की है पूर्ण पीठ
गौरतलब है कि कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने से रोके जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ आज सुनवाई करेगी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने बुधवार की रात इस मामले की सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ गठित की। इस पूर्ण पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जैबुन्नेसा मोहिउद्दीन शामिल हैं।
इससे पहले, इस मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति दीक्षित की एकल पीठ ने बुधवार को ही इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास भेज दिया था। वहीं, राज्य कैबिनेट ने हिजाब विवाद पर कोई भी फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करने का निर्णय किया है।
कर्नाटक के उडुपी जिले के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब के साथ कक्षाओं में प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन तेज होने तथा कुछ जगहों पर इसके हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद सरकार ने राज्य के सभी हाईस्कूलों और कॉलेजों में तीन दिन का अवकाश घोषित कर रखा है।
सीएफआई का आरएसएस पर गड़बड़ी पैदा करने का आरोप
इस बीच इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) परिवार गड़बड़ी पैदा कर रहा है। सरकार ने पूर्व में कहा था कि हिजाब विवाद को भड़काने वाले सीएफआई की भूमिका की जांच की जाएगी।