1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

0
Social Share

नई दिल्ली, 7 मई। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग शिक्षक भर्ती घोटाले में कलकत्ता उच्‍च न्‍यायालय के आदेश पर मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग 2016 की भर्ती रद करने का आदेश दिया था, जिसके कारण 25 हजार 753 लोगों की नौकरी चली गई है।

मामले की सीबीआई जांच जारी रखने का भी आदेश

प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों की भी जांच करने की अनुमति दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा कि वह जांच के दौरान किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने जैसी कोई जल्दबाजी भरी काररवाई न करे।

प्रभावित लोग अपनी नौकरी जारी रख सकते हैं, लेकिन…

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने यह भी आदेश दिया कि प्रभावित लोग अपनी नौकरी जारी रख सकते हैं, लेकिन नौकरी पाने के लिए पैसे देने का दोषी पाए जाने पर उन्हें 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसे लौटाने होंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।

अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे रिकॉर्ड संभाल कर रखते

कलकत्ता हाई कोर्ट के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कथित भर्ती घोटाले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी करार दिया और कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते।

चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा, ‘सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं… यदि जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। यदि नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें तो व्यवस्था में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं?’

पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा। पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा। पीठ ने राज्य सरकार के वकीलों से कहा, ‘या तो आपके पास डेटा है या नहीं है। डिजिटल रूप में दस्तावेज संभाल कर रखना आपकी जिम्मेदारी थी। अब यह जाहिर हो चुका है कि डेटा नहीं है। आपको यह बात पता ही नहीं है कि आपके सेवा प्रदाता ने किसी अन्य एजेंसी की सेवा ली है। आपको उसके ऊपर निगरानी रखनी चाहिए थी।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code