सनातन धर्म पर टिप्पणियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर, उदयनिधि स्टालिन व 14 अन्य को जारी की नोटिस
नई दिल्ली, 22 सितम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को गंभीरता दिखाई और तमिलनाडु सरकार के मंत्रियों – उदयनिधि स्टालिन व ए राजा और 14 अन्य को नोटिस जारी की।
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार और सीबीआई से भी मांगा जवाब
शीर्ष अदालत ने सनातन धर्म को खत्म करने वाली टिप्पणी के लिए उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर की मांग वाली याचिका पर यह नोटिस जारी की है। 14 अन्य लोगों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और तमिलनाडु पुलिस भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इस क्रम में तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन, सीबीआई, ए राजा और अन्य पक्षों से जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने इसे हेट स्पीच मामले से जोड़ने से इनकार कर दिया है।
उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू व मलेरिया से कर इसे खत्म करने बात कही थी
उल्लेखनीय है कि उदयनिधि स्टालिन ने गत दो सितम्बर को सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया और कहा कि इसका सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।
‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ में भागीदारी करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्होंने कहा था, ‘कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है।’
उन्होंने यह भी कहा था, ‘सनातन का विरोध करने की बजाय उसे ख़त्म करना चाहिए। सनातन नाम संस्कृत से है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।’