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टोक्यो पैरालंपिक :  सुमित अंतिल ने भाला प्रक्षेप में तोड़ा विश्व रिकॉर्ड, भारत को दिलाया दिन का दूसरा स्वर्ण

टोक्यो पैरालंपिक :  सुमित अंतिल ने भाला प्रक्षेप में तोड़ा विश्व रिकॉर्ड, भारत को दिलाया दिन का दूसरा स्वर्ण

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टोक्यो, 30 अगस्त। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में सोमवार का दिन भारत के लिए असाधारण रहा, जिसकी शुरुआत शूटर अवनि लेखरा ने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी के बीच स्वर्णिम सफलता के साथ की तो समापन भाला प्रक्षेपक सुमित अंतिल ने नया विश्व कीर्तिमान बनाकर किया। भारतीय दल के लिए दिन में यह दूसरा स्वर्ण और पांचवां पदक था। इन दोनों स्वर्ण पदक के बीच दो रजत सहित तीन पदक आ चुके थे।

सुमित ने तीन बार तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड

सोनीपत के 23 वर्षीय सुमित ने नेशनल स्टेडियम में पुरुषों की भाला प्रक्षेप एफ64 स्पर्धा के फाइनल में 68.55 मीटर के प्रक्षेप से अपना ही विश्व रिकॉर्ड दिन में तीसरी बार तोड़ा और स्वर्ण पदक पर नाम लिखाया। ऑस्ट्रेलिया के मिचाल बुरियन (66.29 मीटर) और श्रीलंका के डुलान कोडिथुवाक्कू (65.61 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।

भारत की झोली में दो दिनों के भीतर 7 पदक गिरे

देखा जाए तो भारत की झोली में दो दिनों के भीतर सात पदक (2-4-1) आ चुके हैं। आज अवनि व सुमित के अलावा योगेश कथूनिया ने चक्का प्रक्षेप (F56) में रजत जीता जबकि भाला प्रक्षेप (F46) देवेंद्र झाझनिया ने रजत व सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य जीते। इसके पूर्व रविवार को भाविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस और निषाद कुमार ने ऊंची कूद (T47) में रजत पदक जीते थे। वैसे तो विनोद कुमार भी चक्का प्रक्षेप (F52) में तीसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन शरीर में विकार के वर्गीकरण के आधार पर वह तकनीकी रूप से अयोग्य ठहराए गए और कांस्य पदक से वंचित रह गए।

नीरज चोपड़ा ने तीन हफ्ते पहले टोक्यो ओलंपिक के भाला प्रक्षेप में ही दिलाया था स्वर्ण

संयोग देखिए कि इसी माह लगभग तीन हफ्ते पूर्व (7 अगस्त) नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भारत को इकलौता स्वर्ण भाला प्रक्षेप में ही दिलाया था और अब पैरालंपिक खेलों की भाला प्रक्षेप स्पर्धा के दो अलग-अलग वर्गों में देश के हाथ तीन पदक (1-1-1) लग गए। देखा जाए तो भारतीय पैरालंपिक दल तीन हफ्ते पहले के भारतीय प्रदर्शन को पीछे छोड़ चुका है, जब भारतीय एथलीटों ने टोक्यो खेलों में एक स्वर्ण, दो रजत व चार कांस्य पदक जीते थे।

सुमित ने अपने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के थ्रो से अपना पुराना विश्व रिकॉर्ड (62.88 मीटर) तोड़ा। दूसरे प्रयास में उन्होंने 68.08 के थ्रो से इसमें थोड़ा सुधार किया। लेकिन पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर के प्रक्षेप से तीसरी बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के साथ उन्होंने स्वर्ण पदक पर अधिकार कर लिया। भारत के ही संदीप चौधरी (62.20 मीटर) सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बावजूद चौथे स्थान पर रहे। ज्ञातव्य है कि 64 स्पर्धा में एक पैर कटा होने वाले एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं।

पीएम मोदी ने सुमित को दी बधाई

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुमित को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारे एथलीट पैरालंपिक में लगातार चमक रहे हैं! पैरालंपिक में सुमित अंतिल के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन पर देश को गर्व है। सुमित को प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’

दुर्घटना से पहले पहलवान थे रामजस कॉलेज के छात्र सुमित

दिल्ली के रामजस कॉलेज के छात्र अंतिल दुर्घटना से पहले पहलवान थे। दुर्घटना के बाद उनके बाएं पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा। उनके गांव के एक पैरा एथलीट ने 2018 में उन्हें इस खेल के बारे में बताया.

वह पटियाला में पांच मार्च को पटियाला में इंडियन ग्रां प्री सीरीज 3 में ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ खेले थे, जिसमें वह 66.43 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे थे जबकि चोपड़ा ने 88.07 मीटर के थ्रो से अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था। अंतिल ने दुबई में 2019 विश्व चैंपियनशिप में एफ64 भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता था।

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