
सूडानी सेना ने खार्तूम में राष्ट्रपति भवन पर फिर किया कब्जा, मुस्लिम देश में 2 वर्षों से छिड़ा है खूनी गृहयुद्ध
खार्तूम, 21 मार्च। पिछले लगभग दो वर्षों से खूनी गृहयुद्ध से त्रस्त मुस्लिम देश सूडान में सेना ने राजधानी खार्तूम में राष्ट्रपति आवास पर एक बार फिर कब्जा कर लिया है। सूडान टीवी और सैन्य सूत्रों ने बताया है कि सूडानी सेना ने शुक्रवार को खार्तूम में राष्ट्रपति भवन को अर्द्धसैनिक बल यानी रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) से वापस ले लिया है। सैन्य नेताओं ने इसकी पुष्टि की है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई वीडियो और तस्वीरों में सैनिक खुशी से अपनी बंदूकों को लहराते हुए, नारे लगाते हुए और प्रार्थना करते हुए देखे जा सकते हैं। दो वर्ष पहले, रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स ने सूडान की सेना को राजधानी खार्तूम से बाहर कर दिया गया था। रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स को आरएसएफ के नाम से जाना जाता है। हालांकि आरएसएफ ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सेना के प्रवक्ता नबील अब्दुल्ला ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि सैन्य बलों ने राष्ट्रपति भवन और केंद्रीय खार्तूम में मंत्रालयों की इमारतों पर कब्जा कर लिया है। नबील अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘हमारी सेनाओं ने पूरी तरह से दुश्मन के लड़ाकों और उपकरणों को नष्ट कर दिया और बड़ी मात्रा में हथियार और उपकरण जब्त किए गए हैं। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हम तब तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक हम पूरी तरह से जीत नहीं जाते।’
खार्तूम वह जगह है, जहां दो साल पहले सूडान का गृहयुद्ध शुरू हुआ था और जहां कुछ सबसे बड़े युद्ध लड़े गए थे। युद्ध की शुरुआत से आरएसएफ ने राजधानी खार्तूम और सूडान के पश्चिमी हिस्से पर नियंत्रण बना रखा था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह युद्ध दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट बन चुका है। इसमें सेना और आरएसएफ दोनों पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के आरोप लगे हैं। दोनों का मकसद देश की सत्ता को अपने कब्जे में लेना है और इस लड़ाई में अब तक हजारों-हजार नागरिकों को मौत के घाट उतारा जा चुका है।