वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर रोक बढ़ी, इलाहाबाद हाई कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई
प्रयागराज, 26 जुलाई। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे पर रोक बुधवार को बढ़ा दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम तक सर्वे पर रोक लगाई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक बरकरार रखते हुए गुरुवार को फिर सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को बुलाया है।
एएसआई के हलफनामे पर प्रतिक्रिया देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने मांगा था समय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर पूर्वाह्न से दोपहर एक बजे और फिर साढ़े चार बजे दोबारा सुनवाई की। एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि जो भी काम करेंगे, उससे कोई नुकसान नहीं होगा। हलफनामे पर प्रतिक्रिया देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से समय मांगा तो हाई कोर्ट ने कल तक के लिए सुनवाई टाल दी।
चीफ जस्टिस ने एएसआई अधिकारी से गहन पूछताछ की
हाई कोर्ट में आज दोपहर में दोबारा सुनवाई शुरू होने पर एएसआई अधिकारी आलोक त्रिपाठी पहुंचे। चीफ जस्टिस ने पूछा कि रडार क्या करता है, फोटो कैसे लेंगे, जीपीआरएस से क्या करेंगे? एएसआई अधिकारी ने बताया कि रडार से स्थान से संबंधित प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की जाती है। एक छोटी मशीन से सैंपल लिए जाते हैं, जिनके बारे में फिर विशेषज्ञ रिपोर्ट तैयार करते हैं। फोटोग्राफी में क्लोजअप व अन्य फोटो लेते हैं, जीपीएस से स्थान की लंबाई चौड़ाई पता करते हैं। हाई कोर्ट ने एएसआई से यह भी पूछा कि अब तक कितना सर्वे कर चुके हैं। इस पर एएसजीआई ने बताया कि अभी केवल पांच परसेंट सर्वे हुआ है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि कितना टाइम लगेगा। एएसजीआई ने बताया कि 31 तक पूर्ण कर लेंगे।
वहीं, हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि मॉडर्न तकनीक से स्ट्रक्चर की बिना किसी नुकसान के जांच हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अनुच्छेद 227 या धारा 115 में हाईकोर्ट में याचिका की जाए। ब्रीदिंग टाइम दिया जाए ताकि याची हाई कोर्ट जा सके। मेरिट पर कोई राय नहीं व्यक्त की है। जस्टिस जेजे मुनीर के फैसले के खिलाफ एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी केस की चार वादी महिलाओं की याचिका पर वाराणसी के जिला जज की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सोमवार को एक तरफ ज्ञानवापी का सर्वे शुरू हुआ तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई शुरू हुई थी। मुस्लिम पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई की शाम पांच बजे तक रोक लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को कहा था कि वह सर्वे पर रोक की अवधि 26 जुलाई की शाम पांच बजे तक अपना फैसला सुना दे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने पहले मंगलवार फिर बुधवार की सुबह सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद को नुकसान की आशंका व्यक्त करने पर वाराणसी से एएसआई के अधिकारी को साढ़े चार बजे तलब किया था। वाराणसी से एएसआई के अधिकारी आलोक त्रिपाठी हाईकोर्ट पहुंचे थे।