श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम के 14 मछुआरों को रिहा किया, पिछले माह हुई थी गिरफ्तारी
चेन्नई, 26 अप्रैल। श्रीलंकाई नौसेना ने उन 14 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया है, जिन्हें पिछले माह अवैध रूप से सीमा पार से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मछुआरे शुक्रवार को विमान से चेन्नई पहुंचे, जहां से तमिलनाडु सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों के माध्यम से उन्हें उनके गृहनगर रामेश्वरम भेजा गया।
गौरतलब है कि गत 17 मार्च को रामेश्वरम के 14 मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए थे। मछुआरों के अनुसार वे भारतीय जल सीमा के भीतर ही मछली पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई तटरक्षक बल का एक गश्ती जहाज आधी रात को वहां पहुंचा और उनकी मोटरबोट को घेर लिया। श्रीलंकाई तटरक्षकों ने उन पर सीमा पार से मछली पकड़ने का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। श्रीलंकाई नौसेना ने मछुआरों की मोटरबोट, मछली पकड़ने के जाल और पकड़ी गई मछलियों को भी जब्त कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद सभी 14 मछुआरों को श्रीलंका की एक अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। फिलहाल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए तमिलनाडु के सभी मछुआरों की तत्काल रिहाई और उनकी जब्त नावों को वापस करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री के पत्र के बाद, श्रीलंका में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने श्रीलंकाई सरकार के अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस राजनयिक पहल के परिणामस्वरूप कुछ दिन पहले श्रीलंका की एक अदालत ने रामेश्वरम के उन मछुआरों को जेल से रिहा करने का आदेश दिया। रिहाई के बाद, मछुआरों को भारतीय दूतावास के अधिकारियों को सौंप दिया गया। चूंकि मछुआरों के पास पासपोर्ट नहीं थे, इसलिए दूतावास के अधिकारियों ने उन सभी के लिए आपातकालीन यात्रा दस्तावेज और हवाई टिकट की व्यवस्था की।
अंततः इन मछुआरों को कोलंबो से एअर इंडिया के एक यात्री विमान से चेन्नई भेजा गया। चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने उनका हार्दिक स्वागत किया। इसके बाद, तमिलनाडु सरकार द्वारा व्यवस्थित वाहनों के माध्यम से उन्हें उनके गृहनगर रामेश्वरम भेज दिया गया, जहां उनके परिवार और समुदाय बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे।
