1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान, पत्नी ताजीन फातिमा व पुत्र अब्दुल्ला दोषी करार, तीनों को 7 वर्ष की सजा
दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान, पत्नी ताजीन फातिमा व पुत्र अब्दुल्ला दोषी करार, तीनों को 7 वर्ष की सजा

दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान, पत्नी ताजीन फातिमा व पुत्र अब्दुल्ला दोषी करार, तीनों को 7 वर्ष की सजा

0
Social Share

रामपुर, 18 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र केस में आजम खान परिवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। रामपुर के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने बुधवार को अब्दुल्ला, पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुना दी है। कोर्ट ने पहला आजम खान परिवार को दोषी करार दिया, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया था। लंच बाद कोर्ट ने तीनों आरोपितों को सात साल की सजा भी सुना दी।

भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र को लेकर केस दायर किया था, जिस पर फैसला आया है और मां, बाप और बेटे तीनों को दोषी पाया गया है। कोर्ट का फैसला आने से बाद पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया है। रामपुर कचहरी में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि रामपुर के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने बचाव पक्ष यानी आजम खान पक्ष को 16 अक्टूबर तक बहस का समय दिया था। उसके बाद 18 अक्टूबर को कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाये जाने को कहा था। हालांकि बचाव पक्ष ने रिवीजन के लिए कुछ समय और मांगा था, जिसे 16 अक्टूबर को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया है। इस मामले में अब्दुल्ला आजम खान, उनके पिता आजम खान और उनकी मां डॉ. ताजीन फातिमा भी आरोपित थीं।

बसपा नेता नवाब काजिम अली ने उठाया था अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्रों का मामला

यह मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का है। अब्दुल्ला आजम खान रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे। इस चुनाव को उनके विरोधी और बीएसपी के नेता रहे नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम की उम्र विधायक का चुनाव लड़ने लायक नहीं है।

हाई कोर्ट ने इसी आधार पर स्वार सीट से रद किया था अब्दुल्ला का चुनाव

नावेद मियां ने अपनी याचिका में शिकायत की थी कि शैक्षिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 है जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितम्बर, 1990 को हुआ है। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद कर दिया था।

भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में दर्ज कराया था मामला

इस मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के थाना गंज में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. ताजीन फातिमा को भी आरोपित बनाया गया था। उसी केस में आज रामपुर के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाया।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code