उत्तर प्रदेश : सपा नेता आजम खान जेल जाने से बचे, सत्र अदालत से हेट स्पीच केस में मिली जमानत
रामपुर, 22 नवम्बर। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को फिलहाल जेल जाने से राहत मिल गई है। हेट स्पीच मामले में एमपीएमएलए कोर्ट से तीन साल की सजा पाए आजम को सत्र अदालत से रेगुलर जमानत मिल गई है। उन्होंने सजा के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर की थी। फिलहाल आजम खान अंतरिम जमानत पर चल रहे थे। उनका केस एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है।
गौरतलब है कि गत 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम को तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। अदालत ने उन्हें वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई थी और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि सजा के एलान के कुछ समय बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई थी। यह जमानत पहले 16 नवम्बर तक के लिए थी। बाद में इसकी मियाद बढ़ाकर 22 नवम्बर कर दी गई।
रामपुर से विधानसभा सीट पर आजम खान की सदस्यता भी जा चुकी है
सजा मिलने के बाद आजम खान रामपुर से विधानसभा सीट पर उनकी सदस्यता चली गई थी और चुनाव का एलान कर दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ भी आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील का मौका नहीं मिलने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें सेशन कोर्ट में अपील का मौका मिला। लेकिन वहां से निराशा हाथ लगी और याचिका खारिज हो गई थी। इससे उनकी सजा बरकरार रही। पांच दिसम्बर 2022 को इस सीट पर चुनाव होने जा रहा है।
आजम खान के विकल्प
सियासी और कानूनी मोर्चे पर घिरे आजम खां के बारे में अब राजनीतिक पंडित कहने लगे हैं कि चुनावी सियासत में उनकी वापसी अब बहुत मुश्किल होगी। आजम को धारा 153A, 505A और 125 के तहत दोषी पाया गया है। उनकी विधानसभा सदस्यता जा चुकी है।
दरअसल एक विधायक के लिए जरूरी है कि उस पर ऐसा बड़ा मुकदमा न हो, जिसमें उसे दो साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती हो। यदि ऐसा होता है तो विधायक की सदस्यता तय समय तक के लिए रद कर दी जाती है। उसकी सीट खाली कराकर वहां उपचुनाव कराया जाता है। यही रामपुर में हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अंतरिम जमानत
आजम खान इसी वर्ष मई में सीतापुर जेल से बाहर आए थे। उन्हें 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। वह 27 महीने तक जेल में रहने के बाद बाहर आए थे। पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने जेल में रहकर ही जीता था। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी, लेकिन 27 अक्टूबर को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से तीन साल की सजा मिलने के बाद विधायकी चली गई।