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सोनिया गांधी बोलीं – ‘मनमोहन सिंह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे’

सोनिया गांधी बोलीं – ‘मनमोहन सिंह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे’

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नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की प्रमुख सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह उनके मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे और उनके निधन से पार्टी ने एक ऐसा नेता खो दिया है, जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था।

डॉ. सिंह के निधन पर अपने संदेश में सोनिया गांधी ने कहा कि वह राष्ट्रीय जीवन में एक ऐसा शून्य छोड़ गए हैं, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व और आभारी रहेंगे कि हमारे पास डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है, जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था, जिसने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया।’

 

राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के लोग डॉ. सिंह को उनके शुद्ध हृदय और उत्कृष्ट बुद्धि के लिए प्यार करते थे। उन्होंने कहा कि उनकी सलाह, ‘बुद्धिमानीपूर्ण सलाह’ और विचारों को देश के सभी राजनीतिक वर्गों द्वारा उत्सुकता से मांगा जाता था तथा उनका अत्यधिक महत्व था।

उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में नेताओं और विद्वानों द्वारा उनका सम्मान और प्रशंसा की गई। उन्हें अत्यधिक ज्ञान और कद के राजनेता के रूप में सराहा गया। डॉ. मनमोहन सिंह ने जिस भी उच्च पद पर कार्य किया, वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा और विशिष्टता का परिचय दिया। उन्होंने भारत को गौरव और सम्मान दिलाया।’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘मेरे लिए, डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वह अपने व्यवहार में बहुत ही सौम्य थे, लेकिन अपने गहरे विश्वासों में बहुत दृढ़ थे।’

उन्होंने कहा, ‘सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता गहरी और अटूट थी। उनके साथ कुछ भी समय बिताना उनके ज्ञान और बुद्धिमत्ता से प्रबुद्ध होना, उनकी ईमानदारी और निष्ठा से प्रभावित होना और उनकी वास्तविक विनम्रता से अचंभित होना था।’

इससे पहले दिन में सीपीपी अध्यक्ष ने डॉ. सिंह को उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। सोनिया पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भी शामिल हुईं।

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