सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा – ‘मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खड़ी हूं, स्त्री के धैर्य का अनुमान लगाना मुश्किल है…’
नई दिल्ली, 20 सितम्बर। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थ करते हुए ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देने की वकालत की है। सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ये बातें कहीं।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 के समर्थन में खड़ी हूं। महिलाओं के धैर्य की सीमा का अनुमान लगाना कठिन है। वे कभी आराम करने के बारे में नहीं सोचतीं। ओबीसी समुदाय की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाए।’
LIVE: Smt Sonia Gandhi ji speaks on the Women's Reservation Bill in Parliament. https://t.co/5hvzwf9LL4
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए उप-कोटा के साथ महिला आरक्षण विधेयक तुरंत लागू किया जाए। महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में कोई भी देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर अन्याय होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के समय वर्ष 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।
‘राजीव गांधी का सपना अब तक अधूरा, जो इस बिल के पास होने के साथ पूरा होगा‘
सोनिया गांधी ने कहा, ‘मेरी जिंदगी का यह बहुत ही मार्मिक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी जी ही लाए थे। जिसका नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी जी का सपना अब तक आधा ही पूरा हुआ है। वह इस बिल के पारित होने के साथ ही पूरा होगा।’
नीतीश बोले – ‘हम शुरू से महिला आरक्षण की मांग कर रहे‘
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘हम शुरू से महिला आरक्षण बिल की मांग कर रहे हैं। इसके साथ हमने और भी मांग की थी, लेकिन वह नहीं हुआ। हर दस साल में (जनगणना) हो जानी चाहिए थी, जो नहीं हुई।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ‘हमने महिलाओं के हित में सबसे पहले काम किया। महिला भर्ती, स्कूल सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं के हित में काम किया। महिलाओं को आरक्षण बिल्कुल मिलना चाहिए। इसी प्रकार से हमारी मांग है कि SC/ST, पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी विधान सभाओं और लोकसभा-राज्यसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।’