राष्ट्रपति मुर्मु के संबोधन पर सोनिया व राहुल गांधी के बयान से मचा घमासान, भाजपा ने कांग्रेस से माफी मांगने को कहा
नई दिल्ली, 31 जनवरी। बजट सत्र के पहले दिन आज संसद के संयुक्त सदन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ऐसी टिप्पणियां कर दीं, जिससे सियासी घमासान मच हो गया है। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी से माफी मांगने को कहा है।
राहुल और सोनिया गांधी ने क्या कहा?
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक गई थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। इस दौरान सोनिया गांधी ने कथित तौर पर ‘Poor Thing’ शब्दों का प्रयोग किया। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण को बोरिंग बताया।
जेपी नड्डा ने की माफी की मांग
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति के संबोधन को लेकर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बयान की निंदा की है। जेपी नड्डा ने कहा – ‘मैं और भाजपा के सभी कार्यकर्ता सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘Poor Thing’ वाक्यांश के प्रयोग की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे शब्दों का जान बूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी प्रकृति को दर्शाता है। मैं कांग्रेस पार्टी से माननीय राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगने की मांग करते हूं।’
शर्मसार करने वाला बयान – जगदंबिका पाल
वहीं भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पर दिए गए बयान पर कहा- ‘यह देश को शर्मसार करने वाला बयान है। संवैधानिक प्रक्रिया होती है कि राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं और उसमें सरकार की नीतियों की रूपरेखा होती है। जब इस पर चर्चा होगी, तब उन्हें आलोचना करने का अवसर मिलेगा। लेकिन आज के बयान के बाद ये दोनों लोग सांसद होने के लायक नहीं हैं। पहला बुनियादी नियम यह है कि राष्ट्रपति, न्यायाधीश पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन आज एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति पर ऐसी टिप्पणी की गई।’
किरेन रिजिजू ने की निंदा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा – ‘मैं सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं। हमारी राष्ट्रपति, एक आदिवासी महिला हैं, वे कमजोर नहीं हैं… राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देश और समाज के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और वे उस तरह के काम की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं… उन्हें राष्ट्रपति से माफी मांगनी चाहिए।’
