स्मृति ईरानी अब अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय भी संभालेंगी, सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार
नई दिल्ली, 6 जुलाई। मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अब अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय भी संभालेंगी जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
राष्ट्रपति कोविंद ने केंद्रीय मंत्रीद्वय नकवी और आरसीपी सिंह की इस्तीफा स्वीकार किया
इसके पहले देर शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद (आरसीपी) सिंह का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया। इन दोनों मंत्रियों ने राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। पीएम मोदी ने इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान देश व लोगों की सेवा के लिए दोनों नेताओं की सराहना की थी।
नकवी और आरसीपी का राज्यसभा में कार्यकाल का आज आखिरी दिन
प्रधानमंत्री की सराहना को इस संकेत के रूप में देखा गया कि आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक दोनों नेताओं के लिए आखिरी थी। दोनों नेताओं का राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल गुरुवार, सात जुलाई को समाप्त हो रहा है। नकवी को भाजपा ने पिछले दिनों हुए राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाया था। वहीं आरसीपी सिंह जनता दल यूनाईटेड के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री थे। उन्हें भी जदयू ने अगला कार्यकाल नहीं दिया है।
मोदी कैबिनेट में अब मुस्लिम समुदाय का एक भी सदस्य नहीं
इस बीच राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रहे नकवी के इस्तीफे के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मुस्लिम समुदाय का एक भी सदस्य नहीं होगा। वहीं आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद अब केंद्रीय मंत्रिपरिषद में भाजपा के सहयोगी दलों के दो ही सदस्य बचे हैं। इनमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले शामिल हैं।
संसद में भाजपा का संख्या बल लगभग 400, लेकिन एक भी मुस्लिम सदस्य नहीं
गौर करने वाली बात यह भी है कि संसद के दोनों सदनों में अब भाजपा के करीब 400 सांसद हैं। लेकिन इनमें एक भी सदस्य मुस्लिम समुदाय का नहीं होगा।
नकवी को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने के कयास
हालांकि भाजपा ने जब नकवी को राज्यसभा के लिए फिर से उम्मीदवार नहीं बनाया, तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें उप राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार बना सकती है या किसी अन्य प्रमुख पद की जिम्मदारी सौंप सकती है। आगामी छह अगस्त को उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है।
अब चूंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो पद खाली हैं और उसके सबसे बड़े व पुराने सहयोगी जदयू का भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, लिहाजा मंत्रिपरिषद विस्तार या फेरबदल की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।