कन्नूर (केरल), 10 अप्रैल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव पद पर एक बार फिर निर्वाचित वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि माकपा का मुख्य लक्ष्य भाजपा को अलग-थलग कर हराना है, जो ‘फासीवादी’ आरएसएस के ‘हिन्दुत्व के सांप्रदायिक एजेंडे’ को बढ़ा रही है।
लगातार तीसरी बार माकपा के महासचिव निर्वाचित
माकपा के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन के पांचवें व अंतिम दिन रविवार को यहां लगातार तीसरी बार महासचिव चुने जाने के बाद मीडिया से मुखातिब येचुरी ने कहा कि भगवा पार्टी को अलग-थलग करना और हराना न केवल मानव आजादी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है बल्कि भारत को धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रिक गणतंत्र के तौर पर बचाने के लिए भी आवश्यक है।
23rd Party Congress has been a Congress of firm resolve of achieving its objective of defeating fascistic RSS led BJP bent on dismantling the Indian Constitution and unity of the people. https://t.co/HhM2eUZMsb
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 10, 2022
राम चंद्र डोम पोलित ब्यूरो में पहले दलित प्रतिनिधि
पार्टी के सम्मेलन में पोलित ब्यूरो के 17 सदस्यों और केंद्रीय समिति के 85 सदस्यों का भी चुनाव किया गया, जो अगले तीन वर्ष तक कार्य करेंगे। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता राम चंद्र डोम को पदोन्नति देकर केंद्रीय समिति के सदस्य से पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही वह पोलित ब्यूरो में पहले दलित प्रतिनिधि बन गए हैं।
माकपा के पोलित ब्यूरो में दो नए चेहरों को जगह मिली है, जिनमें केरल से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक ए. विजयराघवन और ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले शामिल हैं।
इस बीच, वरिष्ठ नेता एस रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बोस और हन्नान मोल्ला को 75 साल से अधिक उम्र होने की वजह से पोलित ब्यूरो से हटाया गया है। हालांकि, वे केंद्रीय समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। माकपा की 85 सदस्यीय केंद्रीय समिति में 17 नए चेहरे हैं, जबकि 15 महिला सदस्य हैं।