सिद्धारमैया ही होंगे कर्नाटक के सीएम, बुधवार को अकेले ले सकते हैं शपथ, रेस में पिछड़े डीके शिवकुमार – सूत्र
नई दिल्ली, 17 मई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिनों तक चले मंथन व खींचतान के बाद कांग्रेस ने सिद्धारमैया के पक्ष में फैसला लिया है। इस बाबत हालांकि पार्टी की ओर से अभी अधिकृत घोषणा की जानी है, लेकिन सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिद्धारमैया गुरुवार को अकेले सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। इसके बाद उनकी कैबिनेट पर विचार होगा।
सूत्रों का कहना है कि राज्य में डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता हैं और ऐसा हुआ तो उसकी रेस में स्वाभाविक रूप से कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। हालांकि वह पार्टी पर दबाव बनाने के लिए कहते रहे हैं कि यदि उन्हें सरकार की कमान नहीं मिली तो वह सिर्फ एक विधायक रहेंगे।
शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद लेने के लिए मनाया जा रहा
इस बीच हाईकमान डीके शिवकुमार को मनाने में जुटा है। कहा जा रहा है कि आज शाम तक या फिर कल डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर फैसला हो सकता है। राहुल गांधी फिलहाल डीके शिवकुमार से बात कर रहे हैं और उन्हें राजी किया जा रहा है कि वह डिप्टी सीएम बन जाएं।
डीके शिवकुमार को यह भी समझाया गया है कि सिद्धारमैया की उम्र हो गई है और अब आगे वही चेहरा होंगे। इसलिए वह डिप्टी सीएम पद पर राजी हो जाएं और बदले में उन्हें अहम मंत्रालय दे दिए जाएंगे। इस तरह कुछ बड़े मंत्रालयों के साथ डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बन सकते हैं।
कर्नाटक में राजस्थान जैसे हालात नहीं पैदा होने देना चाहता कांग्रेस हाईकमान
कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान कर्नाटक में राजस्थान जैसे हालात नहीं पैदा होने देना चाहता। वहां 2018 में अशोक गहलोत सीएम बने थे और तब से ही सचिन पायलट से उनकी अनबन है। इसका असर इसी साल होने वाले चुनाव में भी दिख सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सभी को साथ लेकर चलना चाहती है। उससे यह संदेश जाएगा कि डीके शिवकुमार की भी अहमियत है और 2024 में भी एकजुटता से चुनाव लड़ने में मदद मिलेगी। डीके शिवकुमार के कुछ समर्थकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है, ताकि सरकार में बैलेंस बना रहे।
‘सिद्धारमैया बन चुके, अब मेरी बारी है‘
हालांकि पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि डीके शिवकुमार ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात में अगला सीएम बनने की इच्छा व्यक्त करते हुए दावा किया है कि उन्होंने 2019 में सरकार गिरने के बाद राज्य में पार्टी के पुनर्निर्माण में मदद की थी।
सूत्रों के अनुसार शिवकुमार ने खड़गे से मुलाकात के दौरान कहा कि सिद्धारमैया को पहले ही सीएम बनने का मौका दिया जा चुका है और अब उनकी बारी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें सीएम की कुर्सी से वंचित किया जाता है तो वह पार्टी में विधायक के रूप में ही काम करना पसंद करेंगे।
‘सिद्धारमैया का कार्यकाल एक कुशासन था‘
शिवकुमार ने खड़गे से यह भी कहा कि सीएम के रूप में सिद्धारमैया का कार्यकाल एक “कुशासन” था और कर्नाटक में एक प्रमुख समुदाय लिंगायत पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ था। अब यह देखना वाकई दिलचस्प रहेगा कि यदि सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगी तो डीके शिवकुमार की क्या प्रतिक्रिया होती है।