सिद्धारमैया दूसरी बार बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने भी शपथ ली, जुटे कई विपक्षी दिग्गज
बेंगलुरु, 20 मई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धारमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी शपथ ग्रहण किया, जो राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे।
सिद्धारमैया व शिवकुमार के साथ 8 अन्य मंत्रियों ने ली शपथ
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, एम बी पाटिल, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन कार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे, वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने स्थानीय श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धरमैया, शिवकुमार और अन्य नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ समारोह विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में आयोजित हुआ। कांग्रेस ने इस समारोह के माध्यम से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया।
LIVE: Swearing-in ceremony at Kanteerava Stadium in Bengaluru, Karnataka. https://t.co/hmmtfirITL
— Congress (@INCIndia) May 20, 2023
शपथ समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में शिरकत की।
बता दें कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार को हुई बैठक में सिद्धरमैया को औपचारिक रूप से नेता चुना गया था, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम की थीं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें हासिल की थीं।