एस्ट्रोनॉट नंबर 634 बने शुभांशु शुक्ला, ISS पर हुआ शानदार स्वागत, भारत के नाम भेजा पहला संदेश
नई दिल्ली, 26 जून। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी एक्सिओम-4 (Ax-4) टीम का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर शानदार स्वागत हुआ। आईएसएस पर उतरे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु ने अपने क्रू के तीन अन्य सहयोगियों के साथ भारतीय समयानुसार शाम 4.10 पर स्पेसएक्स ड्रैगन यान से सफलतापूर्वक डॉक किया।

शुभांशु एंड कम्पनी के स्वागत में गले मिलने और स्वागत पेय के साथ उनकी अगवानी की गई, जो इस ऐतिहासिक पल को और यादगार बनाता है. डॉकिंग के बाद 1-2 घंटे की सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद हैच खोला गया।
🚨 𝗚𝗿𝗽. 𝗖𝗽𝘁. 𝗦𝗵𝘂𝗯𝗵𝗮𝗻𝘀𝗵𝘂 𝗦𝗵𝘂𝗸𝗹𝗮 𝗵𝗮𝘀 𝗯𝗼𝗮𝗿𝗱𝗲𝗱 𝘁𝗵𝗲 𝗜𝗻𝘁𝗲𝗿𝗻𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻𝗮𝗹 𝗦𝗽𝗮𝗰𝗲 𝗦𝘁𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻!! 🇮🇳
The crew of Axiom-4 have finally opened the hatch of the Crew Dragon capsule and entered into the ISS!
This makes Grp. Cpt. Shubhanshu… pic.twitter.com/QXIid6Uc5k
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) June 26, 2025
शुभांशु और उनकी टीम का स्वागत गले मिलकर हुआ। पेगी ह्विटसन ने शुभांशु को गले लगाते हुए कहा कि हमारे नए दोस्त का स्वागत है। उन्होंने शुभांशु को स्पेस स्टेशन पर आने के लिए एस्ट्रोनॉट नंबर 634 का बैच लगाया। ISS क्रू ने उन्हें पानी की पाउच और फ्लेवर्ड ड्रिंक (जैसे नींबू पानी) पेश किए, जो माइक्रोग्रैविटी में स्ट्रॉ से पीए गए।

Mission Commander Peggy Whitson presented Mission Pilot Shubhanshu Shukla with his Astronaut Pin on the occasion of his first spaceflight during the Axiom-4 welcome ceremony! 👨🚀 pic.twitter.com/nWpnFhjIsJ
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) June 26, 2025
शुभांशु अपनी टीम के साथ 14 दिनों तक ISS पर रहेंगे
शुभांशु ने कहा, ‘मुझे अपने क्रू और ISS टीम का गर्मजोशी भरा स्वागत देखकर बहुत खुशी हुई। यह मेरे लिए और भारत के लिए गर्व का पल है।’ डॉकिंग के बाद शुभांशु अपनी टीम के साथ 14 दिनों तक ISS पर रहेंगे। शुभांशु ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, आपके आशीर्वाद से मैं यहां तक सुरक्षित पहुंचा हूं।’
🗣 Mission Pilot Shubhanshu Shukla talks about his experience of visiting the International Space Station during the Axiom-4 welcome ceremony 👨🚀 pic.twitter.com/3lRdf3lDRz
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) June 26, 2025
बोले – ‘यहां आना आसान लग रहा है पर है नहीं’
शुभांशु दीवारों पर लगे हैंडल और पैर के लूप का उपयोग करेंगे ताकि तैर न जाएं। वे वेल्क्रो स्ट्रैप के साथ स्लीपिंग बैग में सोएंगे। जिम में ट्रेडमिल और प्रतिरोध मशीनों का उपयोग करके वे मांसपेशियों को मजबूत रखेंगे। शुभांशु ने कहा कि यहां आना आसान लग रहा है पर है नहीं। सर थोड़ा भारी है। लेकिन ये इस काम के लिए बहुत छोटी बात है।
शुभांशु और उनकी टीम 7 भारतीय सहित कुल60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगी
शुभांशु ने अपने साथ आमरस, गाजर हलवा और मूंग दाल हलवा लाए हैं, जो वे क्रू के साथ बांटेंगे। ISS पर फ्रीज-ड्राइड मांस, फल और सब्जियां भी उपलब्ध होंगी। शुभांशु और उनकी टीम 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगी, जिनमें 7 भारतीय प्रयोग शामिल हैं।
बीजों को उगाकर अंतरिक्ष में खेती की संभावना जांचेंगे
यह टीम बीजों को उगाकर अंतरिक्ष में खेती की संभावना जांचेगी। वे छोटे जीवों का अध्ययन करेंगे, जो कठोर परिस्थितियों में जीवित रहते हैं। शुभांशु के प्रयोग भारत के अंतरिक्ष भविष्य को मजबूत करेंगे। वे किबो लैब (जापानी मॉड्यूल) में माइक्रोस्कोप और बायोरिएक्टर का उपयोग करेंगे।
