टोक्यो पैरालंपिक : शूटर अवनि लेखरा को स्वर्णिम सफलता, पुरुष एथलीटों ने भी जीते दो रजत सहित तीन पदक
टोक्यो, 30 अगस्त। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में सोमवार का दिन भारतीय एथलीटों के लिए शानदार साबित हुआ, जब महिला शूटर अवनि लेखरा की अगुआई में उन्होंने एक स्वर्ण व दो रजत सहित चार पदक जीत लिए।
जयपुर की उभरती शूटर अवनि महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 फाइनल में जहां विश्व रिकॉर्ड की बराबरी के साथ पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं वहीं योगेश कथूनिया ने चक्का प्रक्षेप F56 फाइनल में रजत पदक हासिल किया। उधर देवेंद्र झाझरिया ने भाला प्रक्षेप F46 फाइनल में रजत जीता तो उनके साथी सुंदर सिंह गुर्जर तीसरे स्थान पर रहे। यह भारत के लिए दिन में चौथा पदक था।
दो दिनों में भारतीयों की झोली में गिर चुके हैं सात पदक
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🌟 Avani Lekhara's #Gold
🌟 Yogesh Kathuniya's #Silver
🌟 Devendra Jhajharia's #Silver
🌟 Sundar Singh Gurjar's #BronzeLet that sink in. 🙂#Paralympics #ParaAthletics #ShootingParaSport #Tokyo2020 pic.twitter.com/WJltwE75Aj
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 30, 2021
इसके साथ ही भारतीय दल दो दिनों के भीतर सात पदक जीत चुका है। इनमें एक स्वर्ण, चार रजत व दो कांस्य पदक शामिल हैं। रविवार को महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने रजत पदक जीता था तो निषाद कुमार ने ऊंची कूद में रजत पदक हासिल किय था जबकि विनोद कुमार चक्का प्रक्षेप F52 स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि आयोजन समिति ने इस स्पर्धा का परिणाम वर्गीकरण समीक्षा के कारण रोक रखा है।
लेखरा ने नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीता
अवनि लेखरा की बात करें तो अपने पहले ओलंपिक में उतरी इस शूटर ने 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट के फाइनल में 249.6 अंक हासिल किए। इस स्कोर से उन्होंने न सिर्फ ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया वरन विश्व रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली। दूसरे नंबर पर चीन की खिलाड़ी झांग कुइपिंग और तीसरे पर यूक्रेन की इरियाना शेतनिक रहीं।
अवनि ने फाइनल में 7वें स्थान के साथ क्वॉलीफाई किया था और कुल 621.7 अंक हासिल किए थे। लेकिन फाइनल में अपने खेल में काफी सुधार किया। उन्होंने तीसरे व चौथे प्रयास में 104.9, 104.8 अंक हासिल किए और क्वॉलिफिकेशन के आखिरी प्रयास में 104.1 अंक जुटाए थे।
योगेश ने किया सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
उधर नेशनल स्टेडियम में योगेश कथूनिया ने पुरुष डिस्कस थ्रो F56 में सत्र का अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 44.38 मीटर का थ्रो किया। ब्राजील के वर्ल्ड रिकॉर्डधारी बैटिस्टा डोस सैंटौस क्लॉडिने ने 45.59 मीटर के थ्रो से स्वर्ण जीता जबकि क्यूबा के डियाज अल्दाना लियोनार्डो (43.36) तीसरे स्थान पर रहे।
आठ वर्ष की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले दिल्ली के 24 वर्षीय योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता योगेश का पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा, जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका था।
स्वर्ण पदक की तिकड़ी पूरी नहीं कर पाए झाझरिया
इस बीच दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया खिताबी तिकड़ी तो पूरी नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने पैरालंपिक में रजत पदक के रूप में अपना तीसरा पदक अवश्य जीत लिया। उन्होंने भाला प्रक्षेप F46 स्पर्धा में 64.35 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया। स्वर्ण पदक श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने जीता। उन्होंने 67.79 मीटर के थ्रो के साथ झाझरिया का पिछला विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा।
एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले राजस्थान के चुरु जिले के 40 वर्षीय झाझरिया जब आठ वर्ष के थे तो पेड़ पर चढ़ते समय दुर्घटनावश बिजली की तार छू जाने से उन्होंने अपना बायां हाथ गंवा दिया था। उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था।
सुंदर सिंह गुर्जर के नाम भी सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रक्षेप
झाझरिया के सहयोगी और कांस्य पदक जीतने वाले सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर भाला फेंका, जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस 25 साल के एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था। जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता था।
भारत के एक अन्य एथलीट अजीत सिंह 56.15 मीटर भाला फेंककर नौ खिलाड़ियों के बीच आठवें स्थान पर रहे।