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सपा विधायक रमाकांत यादव को झटका, चक्का जाम मामले में कोर्ट ने सुनाई एक की सजा, 3800 रूपये का जुर्माना

सपा विधायक रमाकांत यादव को झटका, चक्का जाम मामले में कोर्ट ने सुनाई एक की सजा, 3800 रूपये का जुर्माना

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लखनऊ, 16 अगस्त। आजमगढ़ से सपा विधायक रमाकांत यादव को कोर्ट ने सजा सुना दी है। कोर्ट ने चक्का जाम मामले में रमाकांत यादव को सजा सुनाई है। बता दें कि मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने सपा विधायक रमाकांत यादव को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उनके ऊपर 3800 रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि साल 2006 में दीदारगंज थाने के सामने चक्का जाम किया गया था। बात न मानने पर रमाकांत यादव ने चक्का जाम किया था। ऐसे में उनपर सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगा था।

दो आरोपियों की पहले ही हुई मौत

इस पूरे मामले में लंबी सुनवाई चली। अब तक 6 गवाहों की गवाही भी कराई गई। इस मामले से जुड़े दो अन्य आरोपी मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही गुजर गए। ऐसे में अब सपा विधायक रमाकांत यादव को जेल की सजा सुनाए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। बता दें कि रमाकांत यादव आजमगढ़ की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। वह इससे पहले आजमगढ़ के सांसद भी रह चुके हैं।

23 करोड़ की संपत्ति हुई कुर्क

बता दें कि हाल ही में रमाकांत यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी और उनके परिजनों की 23 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली गई थी। रमाकांत यादव पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अपराध के जरिए स्वयं और परिजनों के नाम यह संपत्ति अर्जित की। अधिकारियों के मुताबिक जिला प्रशासन ने अपराध जगत से अवैध तरीके से अर्जित 23 करोड़ 42 लाख 81 हज़ार 400 रुपये की संपत्ति को कुर्क कर लिया। रमाकांत यादव जिले में एक जहरीली शराब कांड मामले में आरोपी है तथा फतेहगढ़ जेल में बंद हैं।

विवादों और उतार-चढ़ाव से भरा रहा राजनीतिक जीवन

फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के अंबारी निवासी रमाकांत यादव की राजनीतिक यात्रा विवादों और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। उन्होंने 1985 में राजनीति में प्रवेश किया और पहली बार फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से विधायक बने। इसके बाद लगातार तीन बार विधायक पद पर चुने गए। 1996 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद बनकर वे चार बार लोकसभा का हिस्सा रहे। 2019 में भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने पर कांग्रेस जॉइन की, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सपा में शामिल होकर 2022 में फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से फिर से चुनाव जीता।

रमाकांत यादव का नाम कई विवादों में भी जुड़ा रहा है। 1998 के लोकसभा चुनाव में मतगणना से पहले बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी से मारपीट के मामले में जेल भी जाना पड़ा था। वर्तमान में वे विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद हैं। इस सजा के बाद रमाकांत यादव की राजनीतिक और व्यक्तिगत छवि पर फिर से सवाल उठ रहे हैं। अदालत ने उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का पालन न करने और कानून को हाथ में लेने के गंभीर आरोप में दोषी ठहराया है।

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