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भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर साबित नहीं हो सका यौन उत्पीड़न का आरोप

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर साबित नहीं हो सका यौन उत्पीड़न का आरोप

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नई दिल्ली, 13 अप्रैल। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और यूपी के कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं हो सके।

विनेश, बजरंग व साक्षी सरीखे पहलवानों ने लगाए थे आरोप

उल्लेखनीय है कि गत जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के शीर्ष पहलवानों – विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था और कथितौर पर कुश्ती संघ में तानाशाही करने, यौन शोषण करने और खिलाड़ियों को डराने-धमकाने का उनपर आरोप लगाया था।

खेल मंत्रालय ने गठित की थी जांच समिति

पहलवानों ने खेल मंत्रालय से मांग की थी कि डब्ल्यूएफआई को भंग कर दिया जाए और बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। पहलवानों के इतने गंभीर आरोप को देखते हुए खेल मंत्रालय ने बृजभूषण शरण सिंह को रोजाना के कामकाज से दूर रहने और साथ में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के खिलाफ जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी के गठन का आदेश दिया था।

इसी क्रम में गत 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति बनी थी, जिसे पहलवानों की शिकायत पर जांच करके एक महीने में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। हालांकि बाद में मंत्रालय ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए मियाद को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर जांच समिति में पहलवान बबीता फोगट को भी छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया।

जांच समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी

मीडिया खबरों के अनुसार जांच समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन मंत्रालय ने उस समय रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था। हालांकि, इस संबंध में खेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से पुष्टि की गई है कि पहलवानों की शिकायत पर गहन सुनवाई के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं हो सके हैं।

महिला फिजियो का यौन उत्पीड़न की किसी घटना से इनकार

कमेटी की जांच में जो सबसे अहम बात सामने आई है, उसमें पिछले वर्ष बल्गारिया दौरे के दौरान एक महिला फिजियो (नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है) को बृजभूषण शरण सिंह ने पीठ दर्द के इलाज के लिए मालिश करने के लिए कहा था। हालांकि उस महिला फिजियो ने सुनवाई के दौरान यौन उत्पीड़न जैसी किसी भी घटना के होने से इनकार किया है।

विनेश व साक्षी के आरोप भी गलत पाए गए

जानकारी के अनुसार महिला पहलवान विनेश और साक्षी ने भारतीय ओलंपिक संघ के जांच पैनल को लिखित हलफनामा देकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था, जिसकी अलग से से जांच की गई और अंत में उनके लगाये आरोप भी गलत पाए गए हैं।

विनेश ने अपने हलफनामे में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने साल 2015 में तुर्की दौरे के दौरान उन्हें अनुचित तरीके से छुआ था। हालांकि, बाद में पता चला कि विनेश उस साल तुर्की में प्रतिस्पर्धा शामिल ही नहीं हुई थीं । हालांकि बाद में विनेश ने कहा कि वास्तव में वह घटना 2016 में मंगोलिया दौरे के वक्त हुई थी।

वहीं साक्षी मलिक के हलफनामे की बात करें तो उन्होंने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि वर्ष 2015 में बृजभूषण सिंह ने उन्हें गले लगाया था, बाद में बृजभूषण ने उनकी परेशानी को समझा और कहा कि उन्होंने एक पिता की तरह उन्हें गले लगाया था।

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