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पहलगाम आतंकी हमला : सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए, जनता से सुराग देने की अपील

पहलगाम आतंकी हमला : सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए, जनता से सुराग देने की अपील

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श्रीनगर, 23 अप्रैल। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं। बैसरन के घसियाले मैदान में पर्यटकों पर हुए घातक हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। आतंकी हमले में शामिल संदिग्धों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है।

शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने AK-47 राइफलों से लैस होकर करीब 20 मिनट तक गोलियां चलाईं, जिससे शांत पहाड़ी इलाका खौफनाक मंजर में बदल गया। प्रारंभिक जांच से परिचित एक अधिकारी ने कहा, ‘वहां अफरा-तफरी मची हुई थी। गोलीबारी बंद नहीं हुई। लोग चीख रहे थे, छिपने के लिए भाग रहे थे – चारों तरफ खून-खराबा, दहशत, सब कुछ था।’

हमलावरों में दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई

अधिकारियों का मानना ​​है कि हमले में तीन से चार आतंकवादी शामिल थे। इनमें से दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई है और बाकी स्थानीय आतंकी हैं। सभी के बारे में कहा जाता है कि वे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े हैं।

जीवित बचे लोगों की मदद से तैयार किए गए हैं स्केच

सुरक्षा बलों के अनुसार जिन तीन आतंकियों – आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के के स्केच जारी किए गए हैं, उनके कोड नाम भी थे – मूसा, यूनुस और आसिफ और ये पुंछ में हुई आतंकी घटनाओं में भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि स्केच जीवित बचे लोगों की मदद से तैयार किए गए हैं।

सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर घने जंगल से आए थे आतंकी

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे, जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे।

लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा आतंकी सैफुल्लाह कसूरी मुख्य साजिशकर्ता

सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने अनंतनाग तथा आसपास के जिलों में बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्ते और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे व बॉडी कैमरों से हमले की रिकॉर्डिंग की

जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी। कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।

दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे

चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं। हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है, जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति।

जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।

मनोरम दृश्यों के लिए बैसरन को मिनी-स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है

गौरतलब है कि मंगलवार की दोपहर बैसरन में हमला हुआ, जो पर्यटक शहर पहलगाम का एक हरा-भरा घास का मैदान है, जिसे अक्सर देवदार के पेड़ों से लदे ढलानों और मनोरम दृश्यों के लिए ‘मिनी-स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है। वसंत ऋतु के कारण घाटी में नई जान आने के कारण पर्यटक बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में आए थे। लेकिन हमलावरों ने ‘मिनी-स्विट्जरलैंड’ को कब्रगाह में बदल दिया।

आतंकियों का स्केच जारी करने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने जनता से भी किसी भी सुराग के लिए सहयोग की अपील की है. इस डरावनी घटना को घाटी के हाल के इतिहास में सबसे भयावह आतंकवादी हमलों में से एक बताया जा रहा है।

यह कश्मीर में शांति की वापसी के प्रयास पर भी हमला

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह न केवल निर्दोष लोगों के जीवन पर हमला था, बल्कि कश्मीर में शांति की वापसी के प्रयास पर भी हमला था। यह कश्मीर के इतिहास में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक है। हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे किसी भी सुराग को साझा करें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें।’

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