दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निबटने के लिए वैज्ञानिक मॉडल बनाने की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 24 नवंबर। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से निबटने के लिए आंकड़ों के आधार पर एक वैज्ञानिक मॉडल तैयार करने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के दौरान कामगारों को भुगतान का भी राज्यों को सुझाव
शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए उपाय सभी तदर्थ उपाय हैं। ऐसे में उचित मॉडल की आवश्यकता है, जो यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की गंभीर स्थिति भविष्य में उत्पन्न न हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्यों के पास हजारों करोड़ों का फंड है, जिसका इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए कामगारों को भुगतान करने में उपयोग किया जाना चाहिए, जब तक कि निर्माण कार्यों पर से प्रतिबंध नहीं हटाया जाता।
प्रदूषण से निबटने के लिए खास कदम नहीं उठाए गए, अगली सुनवाई 29 को
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रदूषण से निबटने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया गया है और स्थिति सामान्य होने तक इस मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान भी प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने बार-बार प्रदूषण को रोकने के प्रयासों को लेकर असंतोष जताया था।