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असम : निर्दलीय विधायक गोगोई के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

असम : निर्दलीय विधायक गोगोई के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

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नई दिल्ली, 21 जुलाई। उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े एक मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता तथा असम से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के खिलाफ राजद्रोह के दंडात्मक प्रावधान लागू किए जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा।

गोगोई ने भारतीय दंड संहिता, 1860 के अनुच्छेद 124ए (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। शीर्ष न्यायालय ने एक ऐतिहासिक आदेश में पिछले साल 11 मई को राजद्रोह संबंधी दंडात्मक कानून पर स्थगन लगाने का निर्णय किया था जब तक कि एक ‘‘उचित’’ सरकारी मंच इसकी पुन: समीक्षा न कर लें और उसने केंद्र तथा राज्यों को इस अपराध के तहत कोई नयी प्राथमिकी दर्ज न करने का निर्देश दिया था।

भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत अधिकतम सजा उम्रकैद का प्रावधान है। इसे देश की स्वतंत्रता के 57 साल पहले और भारतीय दंड संहिता बनने के लगभग 30 साल बाद, 1890 में दंड संहिता में शामिल किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी की दलीलों पर संज्ञान लिया और कहा कि वह उन्हें अंतरिम राहत देने के पहलू पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी करेगी। न्यायालय मामले पर अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तारीख तय की।

अहमदी ने याचिकाकर्ता के हवाले से कहा, ‘‘मुझ पर अनुच्छेद के तहत आरोप लगाए गए है और मैं कह रहा हूं कि यह प्रावधान संविधान के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।’’ पीठ ने कहा कि उसने दंड प्रावधान लगाने पर रोक लगा दी है और उसने सरकार से कानून में इसे बरकरार रखने के मुद्दे पर फिर से गौर करने को कहा है। उसने यह भी कहा कि न्यायालय गोगोई पर राजद्रोह के आरोप लगाने के खिलाफ अंतरिम राहत की याचिका पर भी विचार करेगा।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) गोगोई के खिलाफ सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े दो मामलों की जांच कर रहा है। इनमें से एक मामले में विशेष एनआईए अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी जिसे अप्रैल 2021 में गुवहाटी उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था जबकि जांच एजेंसी ने इसे चुनौती दी थी। गोगोई शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र से 2021 से असम विधानसभा के सदस्य हैं।

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