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SBI ने इलेक्टोरल बॉण्ड का विस्तृत डेटा निर्वाचन आयोग को सौंपा, आयोग की वेबसाइट पर पूरा डेटा अपलोड

SBI ने इलेक्टोरल बॉण्ड का विस्तृत डेटा निर्वाचन आयोग को सौंपा, आयोग की वेबसाइट पर पूरा डेटा अपलोड

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नई दिल्ली, 21 मार्च। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी बॉण्ड यानी इलेक्टोरल बॉण्ड का विस्तृत डेटा भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को सौंप दिया है। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने इसे अपनी ऑफिशियल वेसबाइट पर अपलोड भी कर दिया है।

दरअसल, इससे पहले तक एसबीआई ने निर्वाचन आयोग को अधूरा डेटा उपलब्ध कराया था, जिसमें सिर्फ बॉण्ड खरीदने वाले और भुनाने वाले की जानकारी ही थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए और कहा कि बैंक पूरी जानकारी उपलब्ध कराए। कोर्ट ने बैंक से वह जानकारी भी सार्वजनिक करने को कहा, जिसमें यह पता लग सके कि किसने किस पार्टी को बॉण्ड के जरिए कितना चंदा दिया।

कोर्ट की सख्ती के बाद अब यह जानकारी भी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक हो गई है। यानी अब कोई भी यह देख सकता है कि किस व्यक्ति या कम्पनी ने किस पार्टी को कितने रुपये का चंदा दिया है। इसके लिए बॉण्ड के यूनिक कोड को सर्च करके पता किया जा सकता है कि उस बॉण्ड को किस पार्टी द्वारा भुनाया गया है।

चुनावी बॉण्ड खरीदने वालों की पूरी लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों की पूरी लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

SBI चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दी जानकारी

SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि हमने कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनावी बॉण्ड्स से जुड़ी सारी जानकारी तय समय सीमा यानी 21 मार्च शाम पांच बजे से पहले ही उपलब्ध करा दी है। इस जानकारी में बॉण्ड का अल्फा न्यूमेरिक नंबर यानी यूनीक नंबर, बॉण्ड की कीमत, खरीददार का नाम, भुगतान पाने वाली पार्टी का नाम, पार्टी के बैंक एकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाये गए बॉण्ड की कीमत/ नंबर शामिल है। साइबर सिक्युरिटी के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बॉन्ड खरीदने वाले की KYC डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है।

क्या है यूनिक कोड?

इलेक्टोरल बॉन्ड शुरू से ही विवादों में रहा था। इसकी ट्रांसपेरेंसी पर चौतरफा सवालों के बाद दिसम्बर 2021 में लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने कुबूल किया था, ‘चुनावी बॉण्ड पर छिपे हुए अल्फान्यूमेरिक नंबर किसी भी जाली इलेक्टोरल बॉण्ड की प्रिंटिंग या उसके एनकैशमेंट को रोकने के लिए एक आंतरिक सुरक्षा देता है।’

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