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संजय राउत की बढ़ रहीं मुश्किलें, ईडी का दावा- अपराध की कमाई से खरीदी अलीबाग में जमीन

संजय राउत की बढ़ रहीं मुश्किलें, ईडी का दावा- अपराध की कमाई से खरीदी अलीबाग में जमीन

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महाराष्ट्र, 9 अगस्त। पातरा चॉल घोटाले के केस में अरेस्ट किए गए शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। ईडी की ओर से सोमवार को अदालत में दावा किया गया कि संजय राउत ने अपराध के जरिए आई रकम का इस्तेमाल मुंबई के अलीबाग में जमीनों को खरीदने के लिए किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष पीएमएलए कोर्ट को बताया कि जमीन बेचने वालों ने भी संजय राउत की ओर से खरीद की पुष्टि की है। ईडी का कहना है कि संजय राउत ने जिन 5 लोगों से जमीन की खरीद की थी, उनमें से दो के बयान दर्ज किए गए हैं। इन लोगों के नाम उन दस्तावेजों में भी पाए गए थे, जिन्हें 31 जुलाई को संजय राउत के घर पर हुई रेड के दौरान बरामद किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इन लोगों ने मान लिया है कि उन्हें उतनी ही रकम मिली है, जितनी बरामद किए गए दस्तावेजों में लिखी गई है। ईडी ने कहा कि जमीन बेचने वालों ने स्वीकार किया है कि इस डील के लिए उन्हें कैश में रकम मिली थी। उन्हें यह भूमि संजय राउत को बेचने के लिए दबाव डाला गया था। स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने संजय राउत को इसके साथ ही 22 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 31 जुलाई को घर पर छापेमारी और करीब 17 घंटों तक पूछताछ के बाद संजय राउत को ईडी ने अरेस्ट कर लिया था।

  • संजय राउत को मिली घर के खाने और दवा की परमिशन

संजय राउत को आर्थर रोड जेल में रखा गया है। यहीं पर एनसीपी के नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख भी बंद हैं। हालांकि नवाब मलिक फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। फिलहाल अदालत ने संजय राउत को अनुमति दी है कि वे घर का खाना खा सकते हैं और दवाईयां भी ले सकते हैं।

  • अदालत से बेड की मांग पर भी संजय राउत को निराशा

संजय राउत ने अदालत से कहा था कि वह दिल के मरीज हैं और उनके लिए बेड की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा था कि सीएमओ की ओर से जांच के बाद ही यह आदेश दिया जा सकता है। जज ने कहा था कि निजी तौर पर जेल में किसी के लिए बेड की व्यवस्था पर विचार नहीं किया जा सकता। इस संबंध में जेल प्रशासन उचित इंतजाम करेगा। संजय राउत की बेल का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि यदि उन्हें बाहर निकलने का मौका मिला तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। वह सबूतों को मिटा सकते हैं और फिर उनकी रिकवरी कर पाना आसान नहीं होगा।

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