हरियाणा भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर उठापटक जारी, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने भी पार्टी से दिया इस्तीफा
चंडीगढ़, 7 सितम्बर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के निमित्त टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी में जारी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है। इस क्रम में हरियाणा के पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने शनिवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। जींद के सफीदोन से ताल्लुक रखने वाले आर्य JJP के बागी विधायक रामकुमार गौतम को विधानसभा चुनाव का टिकट दिए जाने से पार्टी से नाखुश थे।
भाजपा ने गौतम को सफीदोन सीट से टिकट दिया है। बचन सिंह आर्य ने पार्टी को त्याग पत्र लिखकर प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ प्रदेश कार्यसमिति में अपना पद भी त्याग दिया। दो दिन पहले उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने फैसले की ओर इशारा किया था।
कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला पहले ही दे चुके हैं इस्तीफा
इससे पहले गत पांच सितम्बर को हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह रानिया विधानसभा से टिकट न दिए जाने को लेकर नाराज थे। रानिया सीट से पार्टी ने शीशपाल कंबोज को मैदान में उतारा है।
रतिया विधायक लक्ष्मण नापा ने भी छोड़ दी पार्टी
वहीं भाजपा के रतिया विधायक लक्ष्मण नापा ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्हें भी टिकट देने से इनकार कर दिया गया था। भाजपा को ओर से विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के तुरंत बाद, नापा ने राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली को लिखे एक पत्र में कहा था कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं और इसकी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष करण देव कंबोज ने CM से नहीं मिलाया हाथ
गौरतलब है कि भाजपा आलाकमान ने हरियाणा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची से नौ मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इससे भाजपा के भीतर आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है। नाराजगी का यह आलम है कि हरियाणा भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री करण देव कंबोज को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हाथ मिलाने से इनकार करते देखा गया, जो एक बैठक के लिए उनके घर पर पहुंचे थे। कंबोज कथित तौर पर आगामी चुनाव में टिकट नहीं मिलने से पार्टी से नाराज हैं।
कंबोज ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया
इंद्री विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने से करण देव कंबोज नाराज हैं। गुरुवार को, कंबोज ने पार्टी पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि वह अपना अगला कदम अपने समर्थकों की सलाह के आधार पर उठाएंगे।