RSS नेता इंद्रेश कुमार बोले – ‘कांग्रेस ने किया देश का बंटवारा, बचे हिस्से को घोषित कर दिया स्वतंत्र’
नई दिल्ली, 23 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्री कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से संघ के कार्यों की सराहना करना एक बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा, ‘संघ जोड़ने का काम करता है, तोड़ने का नहीं’ और पिछले 100 वर्षों में भारत के विकास में आरएसएस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व ने स्वतंत्रता के लिए कुछ नहीं किया, वे उनके पूर्वज थे। जैसे हमारे पूर्वजों ने भी स्वतंत्रता संग्राम लड़ा। सच यह है कि कांग्रेस ने देश का बंटवारा किया और जो बचा, उसे स्वतंत्र घोषित कर दिया।’
आरएसएस नेता ने हिमालय की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि हिमालय केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पोषण करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी चीन, कभी पाकिस्तान और कभी पश्चिमी ताकतें हिमालय के सांस्कृतिक संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश करती हैं।
बहुत जल्द तिब्बत आजाद होगा, दलाई लामा वापस जाएंगे!
उन्होंने कहा, ‘हिमालय परिवार इस संकल्प के साथ काम कर रहा है कि हिमालय की सुरक्षा हो, वह भारत को सुरक्षा का आश्वासन दे और चीन के अतिक्रमण से मुक्त हो। हमारा लक्ष्य है कि कैलाश मानसरोवर को चीन के कब्जे से मुक्त कराएं।’
इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि बहुत जल्द तिब्बत आजाद होगा और दलाई लामा वहां वापस जाएंगे। साथ ही, भारत यह सुनिश्चित करेगा कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर उत्तर-पूर्व को संकट में न डाले।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की स्थिति
उन्होंने पाकिस्तान और चीन पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान, अमेरिका और चीन को सबक सिखाया। उन्होंने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान में बने चीनी एयरबेस तबाह कर दिए, जिन्हें भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया था। चीन कुछ नहीं कर पाया। पाकिस्तान को मिले तुर्की के ड्रोन्स भी नष्ट कर दिए गए।’
भारत दुनिया से संघर्ष खत्म करेगा और शांति–सद्भावना लाएगा
आरएसएस नेता ने दोहराया कि भारत ने केवल आतंकी और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया, नागरिकों को नहीं लगाया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कभी कोई मध्यस्थ था, न है, न होगा। उन्होंने कहा, ‘पीओके वापस लेना ही बाकी है और हम इसे भी पूरा करेंगे। आज भारत अमेरिका, चीन, रूस और यूरोप के बराबर खड़ा है। भारत दुनिया से संघर्ष खत्म करेगा और शांति-सद्भावना लाएगा।’
