दिल्ली में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का भंडाफोड़, एल्विश यादव व भारती सिंह समेत 5 को दिल्ली पुलिस का समन
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले एप-आधारित घोटाले का भंडाफोड़ किया है और इस मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव व कॉमेडियन भारती सिंह सहित पांच लोगों को समन भेजा है। दरअसल, पुलिस को 500 से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिनमें आरोप लगाया गया कि कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स ने अपने पेजों पर HIBOX मोबाइल एप्लिकेशन का प्रचार किया और लोगों को एप के जरिए निवेश करने के लिए लुभाया।
मुख्य आरोपित चेन्नई का शिवराम गिरफ्तार, 4 बैंक खातों से 18 करोड़ जब्त
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपित चेन्नई निवासी शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके चार अलग-अलग बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। शिकायत के अनुसार, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत सहित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स ने एप्लिकेशन का प्रचार किया और लोगों को एप के माध्यम से निवेश करने के लिए लुभाया।
HIBOX मोबाइल एप्लीकेशन सुनियोजित घोटाले का हिस्सा
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ स्पेशल सेल) हेमंत तिवारी ने बताया कि HIBOX एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा था। डीसीपी ने कहा कि इस एप्लीकेशन के जरिए आरोपित ने रोजाना एक से पांच फीसदी की गारंटीड रिटर्न का वादा किया था, जो एक महीने में 30 से 90 फीसदी के बराबर है। इस एप को फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था। इस एप में 30,000 से ज्यादा लोगों ने निवेश किया था। शुरुआती पांच महीनों में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला।
शुरुआती 5 माह में अच्छा रिटर्न, जुलाई से भुगतान बंद
हालांकि, जुलाई से एप ने तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी मसलों, जीएसटी मुद्दों आदि का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया था। डीसीपी तिवारी ने कहा, ‘कथित कम्पनियां उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपना ऑफिस बंद करने के बाद गायब हो गईं।’
अगस्त में दर्ज की गई थी FIR
इसी वर्ष 16 अगस्त को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) में HIBOX एप्लीकेशन के खिलाफ पुलिस को 29 पीड़ितों की शिकायतें मिलीं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके निवेश पर हाई रिटर्न का वादा किया गया था। 20 अगस्त को स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और IT एक्ट के संबंधित प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की।
डीसीपी ने कहा, ‘हमारी टीम ने धोखाधड़ी में शामिल पेमेंट गेटवे और बैंक खातों की डीटेल जुटाई। लेन-देन के विश्लेषण से टीम को चार खातों की पहचान करने में मदद मिली, जिनका इस्तेमाल ठगी की गई रकम को निकालने के लिए किया गया था। पुलिस ने कहा कि 127 शिकायतों को एक साथ जोड़ दिया गया है और EASEBUZZ और PhonePe की भूमिका की जांच की जा रही है।