1. Home
  2. हिंदी
  3. कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का खतरा, गुजरात और महाराष्ट्र में कई मरीज संक्रमित
कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का खतरा, गुजरात और महाराष्ट्र में कई मरीज संक्रमित

कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का खतरा, गुजरात और महाराष्ट्र में कई मरीज संक्रमित

0
Social Share

 

अहमदाबाद, 9 मई। कोरोना महामारी के बीच पश्चिम भारत के गुजरात व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अब ब्लैक फंगस संक्रमण या म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा बढ़ रहा है। कुछ चिकित्सकों और अधिकारियों के दावों पर गौर करें तो वस्तुतः यह संक्रमण कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों में देखने को मिल रहा है। इससे आंख या जबड़े में संक्रमण फैलता है और समय से इलाज न मिलने पर मरीज की जान तक जा सकती है।

सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस (एक प्रकार का फंगल संक्रमण) का पता चला है।

सवानी ने बताया, ‘इलाजरत मरीजों की संख्या 50 तक पहुंच गई है जबकि 60 अन्य मरीज इस बीमारी के इलाज का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि धर्मार्थ संस्था की ओर से संचालित उनके अस्पताल में सूरत और गुजरात के अन्य इलाकों से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण होने का पता चला है। उनके अनुसार अब तक सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं।

दूसरी तरफ रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ. केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आंख-कान-नाक के डॉक्टर देवांग गुप्त ने बताया, ‘कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच रोज पांच से 10 मरीज म्यूकोरमाइकोसिस के आ रहे हैं। इन मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है और उनका यथाशीघ्र ऑपरेशन किया जा रहा है।’

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने भी दो दिन पहले कहा था कि कोविड-19 मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मुख्य तौर पर यह संक्रमण शुगर से पीड़ित मरीजों में पाया जा रहा है, लेकिन इसके ज्यादा मामले नहीं हैं। पॉल ने यह भी कहा था कि फंगल इंफेक्शन कोविड-19 की बीमारी में पाया जा रहा है। यह म्यूकर नामक फंगस के कारण होता है, जो गीली सतह पर पाया जाता है।

उधर महाराष्ट्र के चिकित्सा निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने का कहना है कि म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है, जो कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद पाया जा रहा है। इस बीमारी में आंख या जबड़े में इंफेक्शन होता है, जिससे मरीज की जान तक जा सकती है। फिलहाल मरीजों को बचाने के लिए उनकी आंखें निकाल दी जाती हैं। डॉ. लहाने की मानें तो महाराष्ट्र में इस संक्रमण से पीड़ित लगभग 200 मरीजों का इलाज चल रहा है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code