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पीएम पद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले – ‘विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ लड़ना जरूरी’

पीएम पद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले – ‘विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ लड़ना जरूरी’

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चेन्नई, 1 मार्च। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के 70वें जन्मदिन के मौके पर सत्तारूढ़ द्रमुक मुनेत्र कझगम (डीएमके) ने बुधवार को यहां एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली को संबोधित करते हुए 2024 के संसदीय चुनावों से पहले विपक्षी दलों की एकजुट होने की बात कही। उन्होंने कहा कि ‘विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ लड़ना जरूरी है। 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट विपक्ष की जीत के बाद उचित समय पर देश को एकजुट करने और उसका नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति पर निर्णय लिया जा सकता है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आगे कहा कि देश और संविधान की रक्षा के लिए एकजुट रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस-डीएमके गठबंधन में सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा या कौन पीएम बनेगा। यह सवाल नहीं है। हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है।’

खड़गे ने कहा, ‘तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ने 2004, 2009 में लोकसभा और 2006 और 2021 में विधानसभा जीत का नेतृत्व किया। हमें यूपीए गठबंधन के लिए 2024 लोकसभा की जीत के लिए अपने गठबंधन और नेतृत्व की नींव को मजबूत करना जारी रखना चाहिए।’

उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना भी की और दावा किया कि पार्टी चुनावी लाभ के लिए जनता का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है जबकि लोग महंगाई और बेरोजगारी से पीड़ित हैं। खड़गे ने कहा कि भाजपा सरकार की विफलता के कारण 23 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिए गए हैं। आम आदमी महंगाई से परेशान है, युवा बेरोजगारी से प्रभावित है, लेकिन भाजपा चुनाव जीतने के लिए समाज के ध्रुवीकरण में दिलचस्पी रखती है।

फारूक अब्दुल्ला ने पीएम पद के लिए स्टालिन का किया समर्थन

वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर विपक्षी दल एक साथ आते हैं और अगले साल आम चुनाव जीतते हैं तो डीएमके के शीर्ष नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।

अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट विपक्ष की जीत के बाद उचित समय पर देश को एकजुट करने उसका नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति पर निर्णय लिया जा सकता है। स्टालिन के प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘क्यों नहीं? वह प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकते?’

विपक्षी एकता के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्टालिन और द्रमुक ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि जब देश की विविधता की रक्षा होती है तो एकता की रक्षा की जाती है। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने विपक्ष और राष्ट्रीय एकता को पोषित करने को लेकर अच्छा काम किया है।

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