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RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गिनाईं प्राथमिकताएं – बैंकिंग सिस्टम की मजबूती के साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखना होगा

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गिनाईं प्राथमिकताएं – बैंकिंग सिस्टम की मजबूती के साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखना होगा

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नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज पद संभालने के कुछ देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था और मौद्रिक नीति से जुड़ी अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले दिन कोई बड़ा फैसला लेना सही नहीं होगा।

पहले दिन, पहली गेंद को खेलना हमेशा सही नहीं होता

संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘पहले दिन, पहली गेंद को खेलना हमेशा सही नहीं होता।’ उन्होंने कहा कि वह देश की आर्थिक स्थिति, विकास दर और मुद्रास्फीति से संबंधित सभी पहलुओं पर गहराई से अध्ययन करेंगे और बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता होगी।

आरबीआई को हेड करना बड़ी जिम्मेदारी

उन्होंने कहा ‘आरबीआई की जिम्मेदारी केवल बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं है बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। आरबीआई गवर्नर के तौर पर पद संभालना सम्मान की बात है और बतौर हेड ये एक बड़ी जिम्मेदारी भी है।’

वस्तुतः नए गवर्नर ने जो कुछ भी कहा, उसका सार यही था कि RBI ने मॉनेटरी पॉलिसी, करेंसी कंट्रोल, पेमेंट सिस्टम, फाइनेंशियल इन्क्लूजन, लक्विडिटी जैसे कई मुद्दों पर सराहनीय काम किया है और वह इस विरासत को कायम रखने के साथ इसे आगे बढ़ाएंगे।

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर जोर

संजय मल्होत्रा ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम में UPI को लेकर बहुत काम हुआ है। वह आगे भी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, इनोवेशन को बढ़ाने पर काम करेंगे। उनकी कोशिश होगी कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से फाइनेंशियल इन्क्लूजन की लागत कम की जाए।

बैंकिंग को समाज के हर तबके तक बढ़ाना RBI की बड़ी जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल इन्क्लूजन यानी बैंकिंग को समाज के हर तबके तक पहुंचाना और इसे बढ़ाना RBI की बड़ी जिम्मेदारी है। बैंकिंग को लोगों के द्वार यानी घर तक पहुंचाना बड़ा काम है और हालांकि इस दिशा में काफी काम हुआ भी है।

उल्लेखनीय है कि संजय मल्होत्रा का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब ग्लोबल इकोनॉमी मुश्किल दौर में है और महंगाई एक बड़ी चुनौती है। आगे आने वाले दिनों में उनकी नीतियां यह तय करेंगी कि देश की आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा किस ओर जाएगी।

फरवरी में होगा रेट कट?

फरवरी में रेपो रेट कट होगा या नहीं ये कहना मुश्किल है. हालांकि, जापानी ब्रोकरेज नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा कि मल्होत्रा एक नौकरशाह भी हैं और माना जा रहा है कि उनकी अगुआई में मौद्रिक नीति ज्यादा उदार होगी। ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि फरवरी की बैठक में दरों में कटौती होने की पक्की संभावना है। वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अगली बैठक में दरों में कटौती उचित है।

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