आरबीआई की घोषणा – जल्द आएगा ई-रुपया, डिजिटल करेंसी पर शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोषणा की है कि वह जल्द ही कुछ विशेष प्रयोग के लिए डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपये की पायलट आधार पर पेशकश करेगा। इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के बारे में शुक्रवार को बताया कि पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपये की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
मौजूदा भुगतान प्रणालियां जस की तस रहेंगी
केंद्रीय बैंक के अनुसार सीबीडीसी का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों को बदलने की बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है।
आरबीआई ने कहा कि भारत की अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों द्वारा समर्थित डिजिटल रुपया प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, मौद्रिक एवं भुगतान प्रणाली को अधिक कुशल बनाएगी तथा वित्तीय समावेशन में मदद करेगी।
केंद्र ने आम बजट में इस वित्त वर्ष से डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा की थी
सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। दुनियाभर के अधिकतर केंद्रीय बैंक इस समय सीबीडीसी जारी करने की तरीकों पर विचार कर रहे हैं और इसे जारी करने के तरीके हर देश की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार अलग-अलग हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा की थी।