1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. राजस्थान हाई कोर्ट ने सीएम गहलोत को जारी की कारण बताओ नोटिस, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर की थी टिप्पणी
राजस्थान हाई कोर्ट ने सीएम गहलोत को जारी की कारण बताओ नोटिस, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर की थी टिप्पणी

राजस्थान हाई कोर्ट ने सीएम गहलोत को जारी की कारण बताओ नोटिस, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर की थी टिप्पणी

0
Social Share

जयपुर, 2 सितम्बर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​काररवाई की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की है।

वकील शिवचरण गुप्ता ने दाखिल की थी याचिका, 3 अक्टूबर को होगी सुनवाई

गौरतलब है कि सीएम गहलोत की एक टिप्पणी से आहत वकीलों ने राजस्थान के जोधपुर में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था और उनके खिलाफ मामला दायर किया था। जनहित याचिका स्थानीय वकील शिवचरण गुप्ता ने दायर की थी। अब इस मामले में गहलोत की मुश्किल बढ़ सकती है। तीन अक्टूबर को मामले में सुनवाई होगी।

हालांकि अपने बयान के बाद स्थिति का अंदाजा गहलोत को लग गया था और स्पष्टीकरण भी दिया था कि कथित ‘न्यायपालिका में भ्रष्टाचार’ की बात  उनकी ‘व्यक्तिगत राय’ नहीं थी। अपनी सफाई में गहलोत ने कहा था, ‘मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा, वो मेरी निजी राय नहीं थी। मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान और उस पर विश्वास किया है।’

गहलोत ने कहा था, ‘समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के अनेक रिटायर्ड न्यायाधीशों और रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों तक ने ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार पर टिप्पणयां की हैं। मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति हेतु हाई कोर्ट कॉलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।’ बावजूद इसके वकीलों ने गहलोत के बयान पर नाराजगी जताई थी।

गहलोत की इन टिप्पणियों पर बिगड़ा मामला

इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा था, ‘न्यायपालिका भयंकर भ्रष्टाचार से जूझ रही है। मैंने सुना है कि कई वकील जो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, अदालत से वही फैसला आता है। निचली या ऊपरी सभी अदालतों में हालात बहुत गंभीर है।’

गहलोत यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, ‘आज से 25 साल पहले मुख्यमंत्री की सिफारिश पर हाई कोर्ट के जज बनते थे। मैं भी केंद्रीय मंत्री रहा हूं। मैंने भी उस समय किसी की सिफारिश की होगी और उन सिफारिशों को माना गया होगा। लेकिन मैंने कभी जज बनने के बाद उनसे बात नहीं की। लेकिन आज न्यायपालिका में भारी भ्रष्टाचार की बात सुनने को मिलती है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों से तालमेल बैठाकर काम करवाए जाते हैं।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code