नई दिल्ली, 20 सितम्बर। भारतीय रेलवे ने ट्रेन हादसों में किसी की मौत या घायल होने पर मिलने वाली सहायता राशि 10 गुना बढ़ा दी है। इस मुआवजे को आखिरी बार 2012 और 2013 में संशोधित किया गया था। रेलवे बोर्ड की ओर से 18 सितम्बर को जारी परिपत्र में यह जानकारी दी गई है।
18 सितम्बर से लागू हो चुका है नया नियम
रेलवे बोर्ड के परिपत्र के अनुसार ट्रेन दुर्घटनाओं व अप्रिय घटनाओं में जान गंवाने वाले और घायल यात्रियों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। सर्कुलर में कहा गया कि सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए भी मुआवजा बढ़ाया गया है, जो मानवयुक्त समपार फाटक पर रेलवे की जवाबदेही के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। यह 18 सितम्बर यानी परिपत्र जारी होने की तारीख से लागू होगा।
मृत यात्रियों के परिजन को अब पांच लाख रुपये मिलेंगे
सर्कुलर के अनुसार ट्रेन और मानवयुक्त समपार दुर्घटनाओं में मृत यात्रियों के परिजन को अब पांच लाख रुपये मिलेंगे जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही साधारण चोट वाले यात्रियों को 50,000 रुपये मिलेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले ये रकम क्रमश: 50,000 रुपये, 25,000 रुपये और 5,000 रुपये थी। इसमें कहा गया था कि किसी अप्रिय घटना में मृत व्यक्ति के आश्रितों, गंभीर रूप से घायल और साधारण रूप से घायल यात्रियों को क्रमशः 1.5 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 5,000 रुपये मिलेंगे।
30 दिन से अधिक समय तक अस्पताल रहने पर अतिरिक्त राशि
अप्रिय घटनाओं में आतंकवादी हमला, हिंसक हमला और ट्रेन में डकैती जैसे अपराध शामिल हैं। ट्रेन दुर्घटनाओं के मामले में गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 30 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रखने पर अतिरिक्त अनुग्रह राहत की घोषणा की गई। परिपत्र में कहा गया, ‘हर 10 दिन की अवधि के अंत या छुट्टी की तारीख, जो भी पहले हो 3,000 रुपये प्रति दिन जारी किए जाएंगे।’ रेलवे अधिनियम 1989 में ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में यात्रियों की मृत्यु या चोट के लिए मुआवजा दायित्व निर्धारित किया गया है।
बच्चों के यात्रा किराये में संशोधन से 7 वर्षों में 2,800 करोड़ की अतिरिक्त कमाई
दूसरी ओर, भारतीय रेलवे ने बच्चों के लिए यात्रा किराया नियमों में संशोधन करके पिछले सात साल में 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त कमाई की है। एक आरटीआई के जवाब से यह जानकारी मिली। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) से यह जवाब मिला।
पता चला कि संशोधित मानदंडों के कारण रेलवे को अकेले 2022-23 में 560 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इस तरह यह सबसे अधिक लाभदायक साल बन गया। रेल मंत्रालय के तहत आने वाला सीआरआईएस टिकट और यात्रियों, माल ढुलाई सेवाओं, रेल यातायात नियंत्रण और परिचालन जैसे मुख्य क्षेत्रों में आईटी समाधान मुहैया कराता है।