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वक्फ बिल को लेकर राहुल गांधी बोले – ‘यह मुसलमानों के हक लिए खतरा, अब चर्च को निशाना बनाएगा RSS’

वक्फ बिल को लेकर राहुल गांधी बोले – ‘यह मुसलमानों के हक लिए खतरा, अब चर्च को निशाना बनाएगा RSS’

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नई दिल्ली, 5 अप्रैल। वक्फ संशोधन विधेयक संसद की स्वीकृति मिलने के साथ ही देश की राजनीति गरमाई हुई है। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी व कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को ही सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर चुके हैं। वहीं विपक्ष के नेता वक्फ बिल के खिलाफ लगातार प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।

इसी कड़ी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को ईसाइयों पर अपना ध्यान केंद्रित करने में देर नहीं लगी। उन्होंने आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ की वेबसाइट पर अब वापस लिए जा चुके एक लेख का हवाला दिया।

गत 3 अप्रैल को प्रकाशित ‘भारत में किसके पास अधिक भूमि है? कैथोलिक चर्च बनाम वक्फ बोर्ड बहस’ लेख में, जो अब ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, दावा किया गया है कि देश में भूमि स्वामित्व पर ‘वास्तविक डेटा’ से पता चलता है कि कैथोलिक चर्च को ‘वक्फ बोर्ड की तुलना में सबसे बड़ा गैर-सरकारी भूस्वामी’ होने का गौरव प्राप्त है, जिसके पास बहुत अधिक भूमि है।

लेख पर आधारित एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मैंने कहा था कि वक्फ विधेयक अभी मुसलमानों पर हमला करता है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। आरएसएस को ईसाइयों पर अपना ध्यान केंद्रित करने में देर नहीं लगी।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘संविधान ही एकमात्र ढाल है, जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है – और इसकी रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है।’

यह लेख ऐसे समय में आया है,  जब भाजपा बिल के लिए कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (KCBC) के समर्थन और सांसदों से इसके पक्ष में मतदान करने की अपील का हवाला दे रही है। यह अपील केरल के मुनंबम में ईसाई परिवारों के विरोध के बाद आई है, जो वक्फ बोर्ड द्वारा अपनी जमीन पर दावे के बाद बेदखली का सामना कर रहे हैं।

कैथोलिक चर्च और उसके संस्थानों के पास लगभग सात करोड़ हेक्टेयर भूमि

‘ऑर्गनाइजर’ के लेख के अनुसार, कैथोलिक चर्च और उसके संस्थानों के पास लगभग सात करोड़ हेक्टेयर भूमि है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है, जो इसे “भारत के रियल एस्टेट परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी” बनाती है। दावा किया गया कि सरकारी भूमि सूचना वेबसाइट के अनुसार, फरवरी 2021 तक, भारत सरकार के पास लगभग 15,531 वर्ग किलोमीटर भूमि थी… जबकि वक्फ बोर्ड के पास विभिन्न राज्यों में महत्वपूर्ण भूमि पार्सल हैं, लेकिन यह भारत में कैथोलिक चर्च के पास मौजूद भूमि से अधिक नहीं है।

इसमें यह भी कहा गया है कि 2012 तक कैथोलिक चर्च के पास 2,457 अस्पताल डिस्पेंसरी, 240 मेडिकल या नर्सिंग कॉलेज, 28 सामान्य कॉलेज, पांच इंजीनियरिंग कॉलेज, 3,765 माध्यमिक विद्यालय, 7,319 प्राथमिक विद्यालय और 3,187 नर्सरी स्कूल थे।

ब्रिटिश शासन में अधिग्रहित की गई थी कैथोलिक चर्च की अधिकतर भूमि

कैथोलिक चर्च की अधिकतर भूमि ब्रिटिश शासन के दौरान अधिग्रहित की गई थी। 1927 में, ब्रिटिश प्रशासन ने भारतीय चर्च अधिनियम पारित किया, जिससे चर्च को बड़े पैमाने पर भूमि अनुदान की सुविधा मिली। वर्ष 1965 में भारत सरकार ने एक परिपत्र जारी किया, जिसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार द्वारा पट्टे पर दी गई कोई भी भूमि अब चर्च की संपत्ति के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होगी। हालांकि, इस निर्देश के ढीले प्रवर्तन के कारण, चर्च के स्वामित्व वाली कुछ भूमि की वैधता अब भी अनसुलझी है।

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